गरियाबंद। आंगनबाड़ी सहायिका भर्ती में जाली अंक सूची नियुक्ति का एक और मामला थाना पहुंचा है. वंचित अभ्यर्थी ने लिखित शिकायत देकर बताया कि अभ्यर्थी ने किस तरह से जाली सर्टिफिकेट बनवाया. वहीं दावा-आपत्ति के निराकरण में शिक्षा विभाग ने भी जाली दस्तावेज संलग्न कर चयन समिति को गुमराह किया. मामले की प्रारंभिक जांच में गड़बड़ी पाई गई है, जिसके बाद नियुक्ति प्रक्रिया रोक दी गई है.
पूंजीपारा आंगनबाड़ी में सहायिका भर्ती में जाली अंक सूची का मामला अभी खत्म नहीं हुआ है कि अब कोदोभाठा के नागपारा में सहायिका भर्ती में गड़बड़ी का मामला सामने आया है. भर्ती प्रकिया में 78 प्रतिशत अंक वाली अभ्यर्थी रही नीला यादव ने 9 जनवरी को थाने पहुंचकर प्रभारी गौतम गावड़े को लिखित शिकायत सौंपा है, जिसमें 67 प्रतिशत अंक पाने वाली दीप्ति यादव की नियुक्ति 81 प्रतिशत अंक वाले जाली अंक सूची के सहारे करने का आरोप लगाया है.
नीला यादव ने झाखरपारा प्रधान पाठक मन्नू राम शांडिल्य से सूचना के अधिकार के तहत परीक्षा परिणाम के प्रमाणित दस्तावेजों के आधार पर यह आरोप लगाया है. पीड़िता ने बताया कि नियुक्ति आदेश पूर्व दावा-आपत्ति के लिए जारी सूची से उन्हें दीप्ति का 81 प्रतिशत अंक होने का पता चला था. हालांकि, मामले में गड़बड़ी की भनक लगते ही प्रभारी परियोजना अधिकारी ने दीप्ति के ज्वाइनिंग आदेश को रोक दिया है.
जाली दस्तावेजों के सहारे दावा-आपत्ति का निराकरण
आरोप है कि तत्कालीन प्रधान पाठक कामसिंह ध्रुव (वर्तमान में संकुल समन्वयक) ने वर्तमान प्रधान पाठक के सील के ऊपर अपना दस्तखत कर गलत जानकारी परियोजना कार्यकाल को भेजा है. इस संबंध में कामसिंह ध्रुव ने बताया कि तत्कालीन प्रधान पाठक की हैसियत से मैने अपने अधिकारी के निर्देश पर परियोजना कार्यालय के लिए पत्र लिखा था.
प्रधान पाठक बोले 67 % है दीप्ति का परीक्षा फल
मामले में झाखरपारा मिडिल स्कूल के प्रधान पाठक मन्नू राम शांडिल्य ने कहा कि स्कूल के रिकॉर्ड के मुताबिक, दीप्ति यदु का का परीक्षाफल 67 प्रतिशत बी ग्रेड की श्रेणी में है. मुझे दावा-आपत्ति निराकरण के संबंध में कोई पत्र नहीं मिला, ना ही मेरे द्वारा परियोजना कार्यालय को कोई पत्र जारी किया गया है. मेरे अनुपस्थिति में किसी ने मेरा सील का इस्तेमाल कर अपना दस्तखत किया होगा, जिसकी जांच होनी चाहिए.
तीन माह के भीतर हुई नियुक्तियों की जांच की मांग
पूंजीपारा के बाद नागपारा में भी जाली अंक सूची का मामला सामने आया है. कुन्हड़ी कला के केंद्र क्रमांक 4 में भी जाली अंक सूची के मामले की शिकायत पुलिस से स्वयं परियोजना अधिकारी कर चुके हैं. जानकारों का दावा है कि सितम्बर 2024 के बाद किए गए सहायिका भर्ती में अंक सूची में गड़बड़ी का बड़ा खेल खेला गया है. भारी लेन-देन कर पहले जाली अंक सूची बनाए गए. सेटिंग ऐसी तगड़ी कि परीक्षण में भी मामले कि कलाई नहीं खुली. दावा-आपत्ति के निराकरण भी कागजी कर दिया गया. इससे योग्य अभ्यर्थी नौकरी से वंचित हो गए.
प्रारंभिक जांच में हुई गड़बड़ी की पुष्टि – थाना प्रभारी
मामले में थाना प्रभारी गौतम गावड़े ने बताया कि नीला यादव की शिकायत की जांच की जा रही है. प्रारंभिक पूछताछ में गड़बड़ी की पुष्टि हो रही है. विधिवत दस्तावेज प्राप्त कर जांच के बाद उचित कार्रवाई की जाएगी. पूंजीपारा मामले में दो लोगों के खिलाफ नामजद अपराध दर्ज कर लिया गया है. आगे जांच में तथ्यों के आधार पर अन्य दोषियों के विरुद्ध भी उच्च अधिकारियों से मार्गदर्शन लेकर उचित कार्रवाई की जाएगी.