कुसुम लोहा फैक्ट्री हादसे में साइलो के नीचे दबे इंजीनियर और 2 मजदूरों का शव बरामद, परिजनों ने पीएम कराने से किया इनकार, सरकार से की 50 लाख मुआवजे और सरकारी नौकरी की मांग…

बिलासपुर/मुंगेली।    छत्तीसगढ़ के मुंगेली जिले में गुरुवार को कुसुम लोहा फैक्ट्री में दर्दनाक हादसे में एक इंजीनियर और 3 मजदूरों की मौत के बाद पीड़ित परिवारों ने बवाल खड़ा कर दिया है. परिजनों ने मृतकों के शव का पोस्टमॉर्टम कराने से इनकार कर दिया है. इसके अलावा उन्होंने प्रशासन पर मामले की अनदेखी का आरोप लगाते हुए 50 लाख रुपए मुआवजे और सरकारी नौकरी की मांग की है. वहीं मांग पूरी ना होने पर परिजनों ने शव ना लेने की भी चेतावनी दी है।

बता दें, जिले के सरगांव में ग्राम पंचायत रामबोड़ स्थित कुसुम लोहा फैक्ट्री में 9 जनवरी को साइलो के गिरने से एक इंजीनियर के अलावा 3 मजदूर राखड़ में दब गए. घटना की सूचना मिलते ही एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और स्थानीय प्रशासन की टीम ने रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया. सबसे पहले एक मजदूर  मनोज धृतलहरे को घायल अवस्था में घटना स्थल से निकाला गया था, जिसकी उपचार के दौरान अस्पताल में मौत हो गई थी. वहीं 40 घंटे के बाद आज सुबह इंजीनियर और 2 मजदूरों के शव को ढूंढकर निकाला गया.

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जानकारी के मुताबिक, आज साइलो के नीचे दबे मिले शवों की पहचान बिलासपुर के सरकंडा निवासी इंजीनियर जयंत साहू, पिता- काशीनाथ साहू, जांजगीर-चांपा जिले के तागा निवासी मजदूर अवधेश कश्यप, पिता निखादराम कश्यप और बलौदाबाजार जिले के अकोली निवासी मजदूर प्रकाश यादव, पिता परदेशी यादव, के रूप में हुई है. तीनों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए सिम्स, बिलासपुर भेजा गया है.

कलेक्टर राहुल देव ने कहा तीसरी बार में मिली सफलता

कलेक्टर राहुल देव ने कहा कि 40 घण्टे चले इस रेस्क्यू ऑपरेशन में दो बार असफलता भी मिली, उसके बाद भी हमने हार नही माना,और आखिरकार तीसरी बार में सफलता मिली. उन्होंने कहा कि दोषियों के विरुद्ध प्रथम दृष्टया एफआईआर दर्ज की गई है. मामले की सूक्ष्मता से जांच कराई जाएगी जांच में जो भी तथ्य सामने आएंगे, उसके बाद कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

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