रायपुर। छत्तीसगढ़ के बीजापुर में स्वतंत्र पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या के बाद सियासत तेज हो गई है। छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया ‘एक्स’ अकाउंट पर एक पोस्ट जारी कर उपमुख्यमंत्री अरुण साव पर गंभीर आरोप लगाए थे। इसके बाद अब उपमुख्यमंत्री साव ने उनके बयान पर पलटवार किया है।
उपमुख्यमंत्री साव ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया ‘एक्स’ अकाउंट से एक पोस्ट जारी कर लिखा – “जोर-जोर से चिल्लाने से झूठ सच में नहीं बदल जाता प्रिय भूपेश जी! कांग्रेसियों का मूल मंत्र है, जो उनके भ्रष्टाचार से टकराएगा, चूर-चूर हो जाएगा। और वही किया कांग्रेसी ठेकेदार ने बीजापुर के जांबाज पत्रकार मुकेश के साथ! हत्या के आरोपी ठेकेदार की पैरवी करने वालों ने नैतिकता को शर्मसार किया है। जिनके सहयोगी, जिनके साथी, जिनके अधिकारी, जिनके पार्टी पदाधिकारी, जिनके उप सचिव कद के लोग भ्रष्टाचार में लिप्त हों, वो अब भ्रष्टाचारियों के साथ हत्यारों के भी ठेकेदार बन रहे हैं!
युवा पत्रकार मुकेश चंद्राकर जी ने ठेकेदार सुरेश के निर्माण कार्यों पर रिपोर्ट बनाई। रिपोर्ट पर 24 घंटे के अंदर कार्रवाई करते हुए हमारी सरकार ने जांच बिठा दी! अब इस जांच से बौखलाए कांग्रेस पदाधिकारी ठेकेदार की प्रॉपर्टी में युवा पत्रकार की निर्मम हत्या की हुई लाश मिली है। और इधर माननीय भूतपूर्व मुख्यमंत्री जी हल्केपन की राजनीति में गोते लगाते हुए अपने लाडले कांग्रेसी ठेकेदार को बचाने कूद पड़े हैं और छत्तीसगढ़ के सबसे बड़े शराब घोटाले को अंजाम देने वालों पर जांच एजेंसियों की कार्यवाही से बौखलाए हुए हैं। “भूपेश जी, ये सुशासन सरकार की चेतावनी है। हर अपराधी को जेल की हवा खानी है।”
पूर्व मुख्यमंत्री बघेल ने अरुण साव पर बोला हमला
बता दें कि इससे पहले भूपेश बघेल ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया ‘एक्स’ अकाउंट पर एक पोस्ट जारी कर मुकेश चंद्राकर की हत्या के मामले में सीधे तौर पर अरुण साव पर हमला बोला था, पोस्ट में उन्होंने लिखा – “मैंने सोचा था कि मुकेश चंद्राकर जी के मामले में न्याय मिलने तक इस पर राजनीतिक बयानबाजी नहीं होनी चाहिए। लेकिन भाजपा नेताओं के हद से अधिक गिर जाने पर मुझे कहना पड़ेगा कि प्रदेश के उपमुख्यमंत्री अरुण साव, जिनके पास पीडब्ल्यूडी विभाग भी है, इतने ताकतवर हो गए हैं कि उनके विभाग में हुए बड़े सड़क घोटाले को जब पत्रकार मुकेश चंद्राकर ने उजागर किया तो उन्हें मौत के घाट उतार दिया गया। इसी PWD विभाग में जब आचार संहिता के दौरान पुल निर्माण का मामला विधानसभा में वरिष्ठ कांग्रेस विधायक कवासी लखमा द्वारा उठाया गया तो दस दिन बाद उनके घर ED भेज दी गई। सत्य यही है…और साबित भी हो रहा है कि – अब तो यह स्पष्ट है, अरुण साव भ्रष्ट है”