निकाय चुनाव 2025 : तखतपुर बनी हाई प्रोफाइल सीट, भाजपा और कांग्रेस ने उतारे सशक्त महिला प्रत्याशी…

तखतपुर। नगरीय निकाय चुनाव का बिगुल बजते ही राजनीतिक पार्टियों के अखाड़े तैयार हो चुके हैं. तखतपुर नगर पालिका में भाजपा और कांग्रेस ने दमदार महिला प्रत्याशी को मैदान में उतारा है. इन दोनों प्रत्याशियों की वजह से ठंड के मौसम में भी राजनीतिक गर्माहट बढ़ने के साथ ही सीट हाई प्रोफाइल हो गई है.

एक तरफ भाजपा ने वंदना सिंह ठाकुर को मैदान में उतारा है. जो कि तखतपुर विधायक धर्मजीत की बेहद करीबी है. और वर्तमान में नगर पालिका की उपाध्यक्ष है. तो वहीं दूसरी तरफ पूर्व विधायक जगजीत सिंह मक्कड़ की बहू और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव आत्मजीत की धर्मपत्नी रविंदर (पूजा) मक्कड़ को मैदान में उतार कर इस चुनाव को और भी दिलचस्प बना दिया है.

एक तरफ भाजपा अपने महतारी वंदन योजना और डबल इंजन की सरकार का हवाला देते हुए विकास के दावे को लेकर मैदान में उतरने जा रही है. वंदना ने बताया कि कांग्रेस के 5 साल में विकास कार्य नहीं हुए हैं, लेकिन जब से भाजपा की सरकार बनी है, यहां विकास कार्य बहुत तेजी से हो रहा है.

वहीं कांग्रेस की प्रत्याशी रविंदर (पूजा) मक्कड़ अपने ससुर विधायक जगजीत सिंह मक्कड़ और सास पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष सुरेन्द्र कौर मक्कड़ के कार्यकाल में हुए विकास कार्यों और दोबारा तखतपुर को विकसित तखतपुर बनाने का दावा करते हुए जनता के दरबार में पहुंचने की तैयारी है.

पूजा मक्कड़ ने भाजपा पर हमला करते हुए कहा कि तखतपुर धूल का शहर बन चुका है. उम्मीद थी कि भाजपा की सरकार आई तो तखतपुर नगर धूल मुक्त होगा. विकास के इबारत गढ़े जाएंगे, लेकिन धूल की समस्या और बढ़ गई. नगर की सड़कें गड्ढों में तब्दील हो गई हैं. महिलाओं के लिए सार्वजनिक शौचालय की कमी हैं, जिनके कारण उनको प्रसाधन के लिए भटकना पड़ता है. साफ-सफाई जैसे कई अनेक समस्याएं बनी हुई है.

इस तरह से दोनों ही पार्टियों ने दमदार महिला प्रत्याशी उतारकर अपनी-अपनी ओर से संदेश दे दिया है, लेकिन अब देखना होगा कि जनता के दरबार में इन दोनों प्रत्याशियों का भविष्य क्या होगा. भाजपा अपना कमल खिला पाएगी या कांग्रेस का हाथ तखतपुर की जनता मजबूत करेगी.

तखतपुर की प्रमुख समस्याएं –

1. सड़क में धूल का गुबार
2. बढ़ता ट्रैफिक समस्या
3. महिला प्रसाधन की समस्या
4. मुख्य मार्ग पर अवैध अतिक्रमण से सदर बाजार और जनकपुर रोड पर चलना दूभर
5. शहर के गंदे पानी का संगम बना मनियारी नदी
6. मॉर्निंग वॉक और बच्चों के खेलने के लिए के लिए गार्डन का अभाव
7. थोक सब्जी बाजार की स्थाई व्यवस्था नहीं होना.
8. प्रकाश व्यवस्था ठप.

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