गरियाबंद जिले को FYI 2024-25 में आजीविका मिशन से जुड़ी 9188 महिलाओं को लखपति बनाने का लक्ष्य दिया गया है. पिछले 8 माह में जिला पंचायत ने 5926 महिलाओं को लखपति दीदी बन चुकी है. मजदूर परिवार से जुड़ी इन महिलाओं की अधिकतम वार्षिक आय 40 से 50 हजार थी, जो अब डेढ़ लाख से ढाई लाख तक की कमाई कर रहे हैं. महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के पीछे केवल सरकारी योजना नहीं बल्कि योजना को बेहतर क्रियान्वयन कराने वाली टीम की अहम भूमिका है. योजना को लेकर जिला पंचायत सीईओ रीता यादव गंभीर है. महिला अफसर होने के नाते महिलाओं की भावनाओं को बेहतर समझ रही है. टीम की अहम जिम्मेदारी डीपीएम पतंजल मिश्रा और रमेश वर्मा के पास है, जो जिला सीईओ के निर्देशों को बखूबी से पालन कर रहे हैं.
दिल्ली वालों को खिलाया छत्तीसगढ़ी व्यंजन, 15 दिन में हुई सवा लाख की कमाई
राष्ट्रीय बिहान आजीविका मिशन से जुड़ी फिंगेश्वर ब्लॉक की एमिन साहू ने बीते दिनों दिल्ली में आयोजित सरस मेला में छत्तीसगढ़ का प्रतिनिधित्व किया. गुरुग्राम में आयोजित सरस मेला में छत्तीसगढ़ी व्यंजन लगाने के लिए एमिन बाई चयनित हुई. एमिन के हाथों से बने ठेठरी, खुरमी, चिला, फरहा जैसे व्यंजन का दिल्ली वालों ने भरपूर स्वाद लिया.
15 दिन तक चले इस मेले में एमिन बाई ने 1लाख 85 हजार की रिकॉर्ड बिक्री कर ली. खर्च को हटाने के बाद एमिन बाई ने एक लाख का मुनाफा किया. वर्तमान में एमिन घरेलू उत्पादों का दुकान लगाती है. लखपति दीदियों में एमिन सबसे ऊपर है, जो सालाना 3 से 5 लाख की कमाई करती है. इस मेहनत के पीछे एमीन ने जिला सीईओ रीता यादव को अपना प्रेरणा स्रोत माना है.
120 करोड़ का लोन उपलब्ध कराया
डीपीएम रमेश वर्मा और पतंजल मिश्र ने बताया कि जिले में कुल 9480 महिला समूह में 1 लाख 2हजार महिला जुड़ी हुई हैं. इन्हें बैंक लिंकेज के रूप में 115 करोड़ और साप्ताहिक निवेश के रूप में 5करोड़ 46 लाख उपलब्ध कराया गया है. कृषि आधारित और गैर कृषि आधारित कार्य के अलावा सिलाई जैसे सूक्ष्म तकनीकी व्यवसाय कर रही हैं. इन व्यवसाय के लिए विभाग इन्हें विभिन्न प्रशिक्षण का आयोजन कर बेसिक ट्रेनिंग दिया. सिलाई, बुनाई, कढ़ाई, मशरूम उत्पादन, मछली पालन, किराना व्यवसाय, अचार, पापड़, बड़ी, साबुन फिनाइल न केवल बनाना सिखाया बल्कि उत्पादों की ब्रांडिंग और मार्केटिंग कार्यों में भी दीदियों को दक्ष किया गया. सीईओ रीता यादव अपने व्यस्तम समय निकाल कर प्रति पखवाड़े काम काजी महिलाओं के बीच बिताना उनके रूटीन में शामिल कर लिया है.
पुरुषों के मुकाबले खड़ी हो गई
सरकारी स्कूलों में बांटने वाले यूनिफॉर्म की सिलाई का सरकारी टेंडर का जिम्मा अब दीदियों को दिया गया है. जिला पंचायत सीईओ रीता यादव ने महिलाओं को प्रधानमंत्री आवास निर्माण में अहम भूमिका अदा करने का अवसर दिया और समाज में पुरुषों के सामान स्तर पर ला खड़ा कर दिया. जिले की सैकड़ों महिला समूह आवास योजना में निर्माण सामग्री आपूर्ति का जिम्मा संभाल रही हैं. 271 समूह की 411 सदस्यों ने 22,663 सेंटिंग प्लेट निर्माण किया. समूह की 1014 सदस्यों ने 4 करोड़ 80 लाख ईंट का निर्माण किया है.