मरने के बाद मिलेगा मुआवजा…70 साल की बुजुर्ग का छलका दर्द : 20 सालों में 13 कलेक्टर बदले पर अब तक किसानों की समस्या जस का तस, कलेक्ट्रेट के सामने भूख हड़ताल पर बैठे पीड़ित परिवार

सारंगढ़-बिलाईगढ़।   जिले के बिलाईगढ़ ब्लॉक अंतर्गत सोनिया जलाशय परियोजना के चलते डूब प्रभावित दर्जनों किसानों को आज तक उनकी भूमि का मुआवजा नहीं मिला है. बीते 20 वर्षों में 13 कलेक्टर बदल गए, लेकिन किसानों की समस्या का समाधान नहीं हो पाया है. अब किसानों का सब्र जवाब दे चुका है और एक बार फिर वे कलेक्टर कार्यालय के सामने भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं.

अपनी ही जमीन के मुआवजे के लिए किसान सालों से अफसरों के चक्कर काट रहे हैं. एसडीएम से लेकर कलेक्टर और मुख्यमंत्री तक सभी को ज्ञापन सौंप चुके हैं फिर भी कोई सुनवाई नहीं हुई. एक बुजुर्ग महिला किसान ने व्यथा सुनाते हुए कहा, 75 साल की हो गई हूं, अब तो लगता है मरने के बाद ही पैसे मिलेंगे. कभी दंडवत करते हुए तो कभी धरना देकर किसानों ने आवाज उठाई, मगर हर बार सिर्फ आश्वासन मिला.

किसानों ने कहा – चक्कर काटते चप्पले नहीं, पैर घिस चुके

अब किसानों का सब्र जवाब दे चुका है और एक बार फिर वे कलेक्टर कार्यालय के सामने भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं. किसानों का कहना है कि उनकी चप्पलें नहीं, अब पैर घिस चुके हैं. कई साथी इस 20 साल की लड़ाई में दुनिया छोड़ चुके हैं.

15 दिनों के भीतर समस्या का समाधान हो जाएगा : एसडीएम

इस मामले में एसडीएम ने जल संसाधन विभाग को तत्काल सूचना भेजकर 15 दिन के भीतर समाधान का आश्वासन दिया है. किसान अब हर हाल में न्याय की मांग पर अड़े हुए हैं.

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