रायपुर। छत्तीसगढ़ महतारी के लाडले बेटे डॉ उत्कर्ष त्रिवेदी को होम्योपैथिक चिकित्सा पद्धति में उनके अनुसंधान और नवाचारों के लिए जर्मनी में सम्मानित किया जाएगा। इस होमियोपैथी समिट कार्यक्रम देश विदेश से 125 चिकित्सक उपस्थित रहेंगे और छत्तीसगढ़ से एक मात्र होमियोपैथिक चिकित्सक रूप में डॉ उत्कर्ष त्रिवेदी को शामिल किया गया है।
दरअसल होम्योपैथी चिकित्सा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने वाले डॉ. उत्कर्ष त्रिवेदी को जर्मनी के प्रतिष्ठित सम्मान से 10 अप्रैल को होमियोपैथी के जनक डॉ हनीमैन के जन्मदिवस के अवसर पर नवाजा जाएगा। यह सम्मान उन्हें होम्योपैथिक उपचार पद्धति में उनके अनुसंधान, नवाचार और रोगियों को दी गई प्रभावी चिकित्सा व कोरोना काल में किए गए मरीजों की सेवाओं व आश्चर्यचकित परिणाम के लिए प्रदान किया जाएगा।
शोध और नवाचारों के लिए होगे सम्मानित
डॉ. त्रिवेदी ने होम्योपैथी को आधुनिक चिकित्सा विज्ञान के साथ जोड़ने का प्रयास किया है, जिससे अनेक जटिल रोगों का प्रभावी उपचार संभव हुआ है। उनकी चिकित्सा पद्धति न केवल भारत बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी सराही जा रही है। उनके शोध कार्य और उपचार विधियों ने हजारों मरीजों को लाभान्वित किया है, जिससे वे इस क्षेत्र में एक प्रेरणास्रोत बन गए हैं।
यह सम्मान जर्मनी के एक प्रतिष्ठित चिकित्सा संस्थान की ओर से दिया जाएगा, जहां दुनिया भर के चिकित्सकों और शोधकर्ताओं की उपस्थिति में उन्हें यह गौरव प्राप्त होगा। डॉ. त्रिवेदी की इस उपलब्धि से न केवल भारतीय चिकित्सा जगत बल्कि पूरे देश को गर्व की अनुभूति हो रही है।
उनका यह सम्मान होम्योपैथी चिकित्सा प्रणाली को वैश्विक स्तर पर नई पहचान दिलाने में सहायक होगा। उनके समर्पण और निष्ठा से प्रेरित होकर आने वाली पीढ़ियां भी होम्योपैथी के क्षेत्र में नए आयाम स्थापित करेंगी।