आदिवासी छात्र की तबीयत बिगड़ने से हुई मौत, परिजनों ने प्रबंधन को ठहराया जिम्मेदार, कलेक्टर ने हॉस्टल अधीक्षक को निलंबित करने की अनुशंसा…

गौरेला पेंड्रा मरवाही।    छत्तीसगढ़ में हॉस्टल प्रबंधन के लापरवाही से एक आदिवासी छात्र की मौत हो गई. मृतक छात्र के परिजनों का आरोप है कि छात्र पहले से ही बीमार चल रहा था, लेकिन इसकी जानकारी परिजनों से छुपाई गई. जैसे ही वह होली की छुट्टी मनाने घर पहुंचा, उसकी हालत अचानक गंभीर हो गई. उसे आनन-फानन में निजी अस्पताल लेजाया गया, जिसके बाद स्थिति को देखते हुए उसे जिला अस्पताल लेजाया गया, लेकिन यहां से भी डॉक्टरों ने उसे बिलासपुर रेफर कर दिया. अस्पताल ले जाते समय रास्ते में ही बच्चे ने दम तोड़ दिया. मामले की गंभीरता को देखते हुए कलेक्टर आदिवासी विभाग गौरेला पेंड्रा मरवाही ने एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय के अधीक्षक रामबिलास को लापरवाही बरतने के आरोप में निलंबित करने की अनुशंसा कर दी है.

दरअसल, यह पूरा मामला GPM जिले के अंतर्गत लाटा स्थित एकलव्य आदर्श संयुक्त आवासीय विद्यालय के हॉस्टल का है. जहां बीते 11 मार्च को कक्षा 9वी में पढ़ने वाले छात्र शिवम सिंह की इलाज के दौरान मौत हो गई. मृतक छात्र के परिजनों ने हॉस्टल और स्कूल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाया है. परिजनों ने बताया कि बच्चे के शरीर में खून की काफी कमी थी. इसके अलावा घटना से 3 दिन पहले से ही उसकी तबीयत बिगड़ी हुई थी. लेकिन इसकी कोई जानकारी उन्होंने नहीं दी. इस मामले में गौरेला पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है.

वहीं स्कूल के प्रिंसिपल अमित कुमार पायल ने बताया कि छात्र शिवम सिंह होली की छूट्टी लेकर अपने घर चले गया था. छुट्टी में जाने से पहले मृत बच्चे को हॉस्टल प्रबंधक के द्वारा स्वास्थ्य परीक्षण भी कराया गया था. जहां पर जांच के दौरान कोई भी गंभीर बात सामने निकल कर नहीं आई. घर जाने के बाद बच्चे की अचानक तबियत बिगड़ गई.

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