एक पंचायत ऐसा भी, जिसे पांच साल में मिले पांच सरपंच, त्रस्त ग्रामीणों ने चुनाव को लेकर लिया बड़ा फैसला…

गरियाबंद। गरियाबंद जिले के देवभोग ब्लॉक में एक ऐसा ग्राम पंचायत मौजूद है, जहां पांच साल में पांच सरपंच बने, लेकिन ग्राम पंचायत की तस्वीर नहीं बदली. अबकी बार ग्रामीण सोच-समझकर पंच-सरपंच का चुनाव करने की बात कह रहे हैं.

ग्राम पंचायत मुंगिया की गलियों में पक्की सड़क का अभाव है, नाली नहीं है, इसलिए सड़कों में पानी बहते रहता है. देख-रेख के अभाव में शौचालय, हैंडपंप व कूड़ा दान स्वच्छता अभियान के किसी स्मारक की तरह नजर आते हैं. स्कूल हो या आंगनबाड़ी, निगरानी करने वाला कोई नहीं है. रहा सवाल हितग्राही मूलक योजनाओं का तो इसका लाभ भी ग्रामीणों को नहीं के बराबर मिल रहा है.

दरअसल, यहां निर्वाचित सरपंच गजेन्द्र मांझी ने अपने साल भर के कार्यकाल में ही अनियमितताओं का ऐसा गदर मचाया कि हटाना पड़ा. उनकी जगह जिस पंच को प्रभार दिया गया, वह भी वे भी अलग-अलग आरोपों में पद से हटाए जाते रहे. सरपंच की कुर्सी दौड़ में पांच साल तक लगातार जारी रही. लिहाजा गांव का विकास अधर में लटक गया. पांच साल तक भुगतने के बाद अब ग्रामीण आने वाले चुनाव में सोच-समझ कर मतदान करने की बात कह रहे हैं.

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