रजिस्ट्रार जनरल के विनोद कुजूर ने जारी आम सूचना में स्पष्ट किया है कि छत्तीरागढ़ उच्च न्यायालय या छत्तीसगढ़ राज्य के तमाम जिला न्यायालयो में से किसी भी अदालत में यदि कोई प्रकरण/याचिका/आवेदन या अन्य कोई कार्यवाही संस्थित की जाती है अथवा संस्थित है. ऐसे किसी भी मामले में कोई भी व्यक्ति जो असंगत प्रतिफल प्राप्ति या उपलब्ध कराने के प्रयोजनार्थ प्रकरण/याचिका/आवेदन अथवा अन्य कार्यवाहियों को उनके पक्ष में निराकृत, जीत या खारिज कराने का मिथ्या आश्वासन या प्रलोभन देता है तो सतर्क रहें.
सूचना में यह भी बताया गया है कि इस प्रकार का व्यक्ति आपराधिक अभियोजन की कार्यवाहियों के लिए उत्तरदायी ठहराया जाएगा. इसके अलावा जो व्यक्ति ऐसे प्रलोभन या आश्वासन को स्वीकार करता है तो उसे भी आपराधिक अभियोजन के लिए उत्तरदायी ठहराया जा सकेगा. हाईकोर्ट ने इस तरह का कदम उठाकर प्रदेश के सभी आम लोगों को सचेत कर दिया है. बता दें कि कुछ निचली अदालतों में इस प्रकार के लोग भी सक्रिय रहते हैं, जो आम पक्षकारों को उनके भोलेपन का फायदा उठाकर इसी प्रकार उन्हें लूट लेते हैं.