स्कूली छात्राओं ने बनाया खुद से चार्ज होने वाली इलेक्ट्रिक कार का मॉडल, कलेक्टर ने की तारीफ, विज्ञान मेला के लिए हुआ चयन

पिथौरा।  महासमुंद जिले के पिथौरा स्थित राम दर्शन पब्लिक विद्यालय जंघोरा की दो छात्राओं ने ऐसी इलेक्ट्रिक कार बनाई, जो खुद से चार्ज हो जाती है. सिरपुर में जिला स्तर युवा उत्सव विज्ञान मेला प्रदर्शनी में इस टेक्नोलॉजी मॉडल को प्रदर्शित किया गया. कक्षा दसवीं की छात्रा रोशनी चौधरी और प्रीति पटेल ने इस नई टेक्नोलॉजी का नाम “मल्टीपरपज इलेक्ट्रिक कार” रखा है. इस टेक्नोलॉजी के जरिए कार की बैटरी के साथ ऐसा यंत्र उपयोग में लिया जाएगा, जो एक ‘डायनमो’ की तरह काम करेगी जो लगातार कार को चार्जिंग देती रहेगी.

जिला स्तर युवा उत्सव विज्ञान मेला प्रदर्शनी में छात्राओं का यह टेक्नोलॉजी मॉडल आर्कक्षण का केंद्र रहा. छात्रा रोशनी चौधरी और प्रीति पटेल ने बताया कि इस टेक्नोलॉजी को संस्कार शिक्षण संस्थान पिथौरा के संचालक युवा वैज्ञानिक गौरव चंद्राकर के मार्गदर्शन में तैयार किया गया है. साथ ही राम दर्शन पब्लिक विद्यालय जंघोरा विद्यालय के डायरेक्टर कविता अग्रवाल, सेक्रेटरी शुभ अग्रवाल, प्राचार्य जोगिंदर मेहेर, विज्ञान शिक्षक रमाकांत ध्रुवंशी विशेष योगदान रहा है.

रायपुर के विज्ञान मेले के लिए चयन

जिला स्तर युवा उत्सव विज्ञान मेला प्रदर्शनी में इस टेक्नोलॉजी मॉडल ने प्रथम स्थान प्राप्त किया. रायपुर साइंस कॉलेज में 12  जनवरी से होने वाले विज्ञान मेला के लिए इलेक्ट्रिक कार के टेक्नोलॉजी मॉडल को चयन किया गया है. साथ ही इसी विद्यालय का ही एकल प्रोजेक्ट में फूड स्टेप रुद्राक्ष शुक्ला का मॉडल भी प्रथम स्थान प्राप्त कर राज्य स्तर युवा उत्सव के चयन किया गया है.

अधिकारियों ने की प्रशंसा

कलेक्टर विनय कुमार लंगेह ने टेक्नोलॉजी की प्रशंसा करते हुए बाल वैज्ञानिकों को बधाई दी.  इस महत्वपूर्ण उपलब्धि पर जिला शिक्षा अधिकारी मोहन राव सांवत, सतीश नायर सहायक संचालक शिक्षा, अशोक चक्रधारी नेहरू युवा केंद्र, के के ठाकुर विकासखंड शिक्षा अधिकारी मनोज धृतलहरे, जिला खेल अधिकारी महासमुंद, सुधीर प्रधान खेल अधिकारी पिथौरा, सीमा गौरव चंद्राकर संचालिका संस्कार शिक्षण संस्थान पिथौरा ने भी बधाई दी हैं.

क्या है डायनमो?

डायनमो यांत्रिक ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित करने वाला एक विद्युत जनरेटर है. जो मुख्य रूप से एक घूर्णनशील चुंबक और कॉइल के संयोजन से काम करता है. दरअसल, कॉइल के पास चुंबक के घुमने से उसके पास से गुजरने वाले कॉइल में बिजली पैदा होती है. डायनमो का इस्तमाल छोटे उपकरणों जैसे साइकिल लाइट, बैटरी चार्ज करने वाले सिस्टम, और पुराने समय के जनरेटर में होता था. यह बिना बाहरी बिजली के काम करता है और जब तक मशीन चलती रहती है, यह लगातार बिजली बनाता रहता है.

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