CGPSC घोटाले में CBI की बड़ी कार्रवाई, रायपुर और महासमुंद में 5 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी, कई अहम दस्तावेज जब्त

रायपुर। छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (CGPSC) घोटाले की जांच में CBI ने बड़ी कार्रवाई करते हुए रायपुर और महासमुंद में एक साथ पांच ठिकानों पर छापेमारी की है. इस छापेमारी में कई अहम दस्तावेज और तकनीकी साक्ष्य जब्त किए गए हैं.

CBI की टीम ने रायपुर के फूल चौक स्थित एक निजी होटल, सिविल लाइन इलाके के एक कोचिंग सेंटर और महासमुंद में एक सरकारी डॉक्टर के आवास पर दबिश दी. इसके अलावा महासमुंद में अभ्यारण्य गेस्ट हाउस और एक अन्य स्थानों पर भी कार्रवाई की गई है.

बताया जा रहा है कि यह छापेमारी CGPSC परीक्षा में गड़बड़ी को लेकर की गई है. इस कार्रवाई में CBI ने कई अहम दस्तावेज और अन्य तकनीकी साक्ष्य जब्त किए हैं, जिनकी जांच की जा रही है.

CGPSC घोटाले में अब तक हुई गिरफ्तारी

टामन सिंह सोनवानी (पूर्व CGPSC चेयरमैन)

साहिल सोनवानी (टामन सिंह सोनवानी के भतीजे)

शशांक गोयल (बजरंग पावर के डायरेक्टर श्रवण कुमार गोयल के बेटे)

भूमिका कटियार

नितेश सोनवानी (टामन सिंह सोनवानी के भतीजे)

ललित गनवीर (पूर्व डिप्टी एग्जाम कंट्रोलर)

ये है पूरा मामला (CGPSC Scam)

CGPSC 2019 से 2022 तक की भर्ती में कुछ अभ्यर्थियों के चयन को लेकर विवाद है. ईओडब्ल्यू और अर्जुंदा पुलिस ने भ्रष्टाचार-अनियमितता के आरोप में मामला दर्ज किया है. CGPSC ने 2020 में 175 पदों पर और 2021 में 171 पदों पर परीक्षा ली थी. प्री-एग्जाम 13 फरवरी 2022 को कराया गया. इसमें 2 हजार 565 पास हुए थे. इसके बाद 26, 27, 28 और 29 मई 2022 को हुई मेंस परीक्षा में 509 अभ्यर्थी पास हुए. इंटरव्यू के बाद 11 मई 2023 को 170 अभ्यर्थियों की सिलेक्शन लिस्ट जारी हुई. आरोप है कि तत्कालीन चेयरमैन सोनवानी ने अपने रिश्तेदारों समेत कांग्रेसी नेता और ब्यूरोक्रेट्स के बच्चों की नौकरी लगवाई है.

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