विश्व आख्यान दिवस: छत्तीसगढ़ की लोक आख्यान परंपरा पर केन्द्रित कार्यक्रम कल

रायपुर।  दक्षिण मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र, नागपुर, संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार तथा संचालनालय संस्कृति एवं राजभाषा, छत्तीसगढ़ शासन के संयुक्त तत्वावधान में दिनांक 22 अगस्त 2024 को ‘विश्व आख्यान दिवस’ के अवसर पर महंत घासीदास स्मारक संग्रहालय परिसर, घड़ी चौक, सिविल लाइन्स, रायपुर, छत्तीसगढ़ में सायं 6 बजे, छत्तीसगढ़ की लोक आख्यान परंपरा पर केन्द्रित कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है।

छत्तीसगढ़ मे लोक कथा, आख्यान की समृध्द परंपरा है। इस परंपरा को विविध कला प्रकारों के माध्यम से प्रस्तुत किया जाता है। इस आयोजन में पंडवानी एवं भरथरी गायन इन लोक आख्यानों की प्रस्तुतियाँ दी जाएगी। इन लोक आख्यानों में रितु वर्मा एवं समूह द्वारा ‘पंडवानी गायन, एवं किरन शर्मा एवं समूह द्वारा ‘भरथरी गायन’ प्रस्तुत किया जाएगा।

विश्व लोक आख्यान दिवस प्रतिवर्ष 22 अगस्त को मनाया जाता है। सन 1991 में इंटरनेशनल फोकलोर कमेटी द्वारा वैश्विक स्तर पर इसकी शुरुआत की गई थी। लोक-आख्यान परम्पराएँ, मानव जीवन का महत्वपूर्ण अंग है। इस अमूर्त परंपरा में लोककथा, दंतकथाएं, गीत, नृत्य, एवं रीतियों का समावेश होता है, जो कि पीढ़ी दर पीढी हस्तांतरित होती है। हमारी लोक परम्पराएँ सम्पूर्ण विश्व में हमारी विशिष्ट पहचान हैं। आइये, लोक आख्यानों के आयोजन एवं सहभागिता के द्वारा हम अपनी विलुप्त होती सांस्कृतिक परम्पराओं को सहेजने एवं इस सम्पदा को अगली पीढ़ी तक हस्तांतरित करने का गौरव प्राप्त करें।

इस कार्यक्रम में अधिक से अधिक संख्या में उपस्थित रहकर दर्शक इस आयोजन का आनंद उठायें ऐसा आवाहन दक्षिण मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र, नागपुर, के प्रभारी संचालक के. के. गोपालकृष्णन द्वारा किया गया है।

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