महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक ने की जनसुनवाई, कई मामलों में हुई कार्रवाई, जानें पूरी जानकारी…

मुंगेली।   छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक ने मंगलवार को कलेक्ट्रेट सभा कक्ष, मनियारी, मुंगेली में जनसुनवाई की. उनके साथ सदस्य सरला कोसरिया और लक्ष्मी वर्मा भी मौजूद रहीं. जनसुनवाई में महिला उत्पीड़न से संबंधित 11 मामलों पर सुनवाई की गई.

बता दें, डॉ. किरणमयी नायक की अध्यक्षता में राज्य स्तर पर यह 292वीं और मुंगेली जिले में चौथी जनसुनवाई थी. सुनवाई के दौरान कुछ मामलों को नस्तीबद्ध किया गया, तो कुछ मामलों में आगे की कार्रवाई के निर्देश दिए गए.

इन मामलों में हुई सुनवाई

(1) बकाया राशि की वसूली के लिए निर्देश:
एक मामले में आवेदिका ने अनावेदक पर बकाया राशि का दावा किया. पिछले सुनवाई में अनावेदक ने वॉयस रिकॉर्डिंग में अपनी आवाज होने की बात स्वीकार की थी. आयोग ने आवेदिका को अपने दस्तावेजों के आधार पर दीवानी न्यायालय में मामला दर्ज करने का सुझाव देते हुए प्रकरण को नस्तीबद्ध कर दिया.

(2) सुसाइड नोट मामले में एसपी दुर्ग से मांगी गई रिपोर्ट:
एक अन्य मामले में आवेदिका ने बताया कि उसके पति सौरभ सोनी ने आत्महत्या कर ली थी. उनके द्वारा छोड़े गए सुसाइड नोट में अनावेदिका को जिम्मेदार ठहराया गया था. आयोग ने इस मामले में जीआरपी थाना दुर्ग से अब तक हुई कार्रवाई पर विस्तृत रिपोर्ट एक माह के भीतर प्रस्तुत करने को कहा. रायपुर में इस प्रकरण की सुनवाई की जाएगी.

(3) जमीन और संपत्ति विवाद सुलझा:
एक मामले में आवेदिका और अनावेदक (ससुर) के बीच संपत्ति विवाद को सहमति से सुलझा लिया गया. आवेदिका को खेती की जमीन में 1/4 हिस्सा और लोरमी स्थित मकान में हिस्सेदारी देने पर दोनों पक्ष सहमत हुए. मामला नस्तीबद्ध किया गया.

वन विभाग के मामले में होगी जांच

एक प्रकरण में आवेदिका ने वन विभाग के अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं करने का आरोप लगाया. आयोग ने इस मामले में डीएफओ मुंगेली को पत्र भेजकर जांच कराने और रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया. रिपोर्ट मिलने के बाद अगली सुनवाई रायपुर में होगी.

अनुपस्थित आवेदिका के मामले नस्तीबद्ध

एक अन्य मामले में आवेदिका की लगातार अनुपस्थिति के कारण प्रकरण को नस्तीबद्ध कर दिया गया.

महिला आयोग ने जनसुनवाई में आए मामलों में त्वरित कार्रवाई के निर्देश देते हुए संबंधित विभागों से रिपोर्ट मांगी है. आयोग ने उम्मीद जताई है कि महिलाएं अपने अधिकारों के लिए सामने आएंगी और उनके लिए न्याय सुनिश्चित किया जाएगा.

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