विलक्षण प्रतिभा का धनी सितारा गोविंदा क्यूं आया शीर्ष से अंतिम पायदान पर

फिल्मी सफर अनुपम से
फ़िल्मी आकाश के चमचमाते सितारे की चमक धुंधली क्यूँ  होने लगी , क्या वजह रही,, चलिए आज एक पूरा सफर गोविन्द उर्फ़ गोविंदा का जानते हैं .

 1963 में विरार में गोविन्द का जन्म हुआ माता निर्मला देवी कृष्ण भक्त होने कारण गोविन्द से नाम गोविंदा पड़ा ,गोविंदा जब जन्मे उस वक्त दौर पिता अरुण का ठीक नहीं चल रहा था ,बात उन दिनों की है जब मेहबूब खान के रिश्तों के चलते अभिनेता अरुण आहूजा 1930 में मुंबई आये 1940 में महबूब खान ने उन्हें अपनी फिल्म औरत में मौका दिया ! ये फिल्म चल पड़ी और अभिनेता अरुण आहूजा ने भी अपना फ़िल्मी सफर शुरु कर दिया .

1939 से 1954 तक के फ़िल्मी सफर में उन्होंने कई लम्हो को जिया !इसी दरम्यान उन्होंने अपनी फिल्म का निर्माण किया! किस्मत ने शायद उनका साथ नहीं देना था वो फिल्म असफल साबित हुई!यहीं से अरुण आहूजा का बुरा वक्त शुरू हुआ उनको अपना बंगला बेचना पड़ा और वे आ गए रहने मुंबई की बस्ती विरार में रहने .

माता पिता की अच्छी परवरिश संस्कार में पल बढ़ कर गोविंदा ने अपना ग्रेजुएशन पूरा किया !फ़िल्मी परिवार में पले बड़े गोविंदा का सपना कुछ और ही था पिता नहीं चाहते थे की वो फिल्मो आये वहीँ गोविंदा का मन बेचैन था फिल्मो में प्रवेश को लेकर !गोविंदा प्रेरित हुए 1982 में आई मिथुन की फिल्म डिस्को डांसर से यहाँ से उन्होंने रोशन तनेजा से एक्टिंग सीखी ,सरोज खान से डांस सीखा ,सरोज खान उनके डांसिंग स्किल से बेहद प्रभावित थी .

उस दौर में गोविंदा अपनी डांसिंग की वीडियो बना बना कर मुंबई में हर निर्माता तक उसको पहुंचवाने का प्रयास किया करते थे ,यहाँ तक इसके लिए निर्माताओं के ड्राइवर नौकरों तक का बखूबी उपयोग करते थे ,गोविंदा की मेहनत रंग लाई 1986 में उनको लव 86 और इल्जाम मिली, बतौर हिरोइन नीलम से इसी दरमियान जबरदस्त केमेस्ट्री जमी ,नीलम से गोविंदा प्यार कर बैठे ये जोड़ी खूब चर्चाओं में रही ,माता पिता की जिद्द के चलते गोविंदा को अपने प्यार को छोड़ना पड़ा नीलम गोविंदा से काफी दूर चली गई ,आखिरकार गोविंदा को सुनीता से शादी करनी पडी, घर की मर्जी के खिलाफ वो जा नहीं पाए !फ़िल्म इल्जाम के बाद गोविंदा डांसिंग स्टार बन चुके थे, एक तरफ जहाँ गोविंदा की हर फिल्म हिट सुपर हिट हो रही थी वहीँ उनके दरवाजे पर निर्माताओं की लाइन लग चुकी थी !वो साल ऐसा रहा जहाँ गोविंदा ने 74 फिल्मे साइन करीं और 24 फिल्मो को काम की अधिकता के कारण छोड़ना भी पड़ा ,इस दरमियान गोविंदा सफलता के घोड़े पर सवार थे जहाँ उनको कामयाबी की चकाचौँध ने सातवे आसमान पर बिठा रखा था !अदूरदर्शिता ने गोविंदा के उड़ते पंख तोड़ने शुरू कर दिए थे .

12  बार फिल्मफेयर अवार्ड गोविंदा ने इस दरमियान अपनी झोली में डाले!बी बी सी न्यूज़ ने ऑन लाइन सर्वे में गोविंदा को टॉप १० में रखा !लगातार एक्शन फिल्मो के बाद जब गोविंदा बोर होने लगे तब उन्हें दिलीप कुमार ने कहा तुम कॉमेडी फ़िल्में करना शुरु  करो !इसके बाद गोविंदा ने मुड़कर नहीं देखा,संजय दत्त ने गोविंदा को डेविड धवन से मिलवाया ये जोड़ी ने अपना कमाल दिखाया १७ फ़िल्में सुपर हिट बॉलीवुड को दीं,इतने बड़े ईश्वर के आशिर्वाद को गोविंदा समझ नहीं सके सफलता का नशा ऐसा चढ़ा
की वो कादर खान, अवतार फिल्म के निर्देशक जेम्स,डेविड धवन,से भी अपनी दूरी बढ़ा ली,सलमान खान ने एक वक़्त पर गोविंदा की बहुत मदद की लेकिन दबंग फिल्म के दरमियान अपनी बेटी को लॉन्च कराने को लेकर उनसे भी पंगा ले बैठे,२००८
में जूनियर संतोष रॉय को पीटा ये मामला कोर्ट तक भी गया,सन 2004से 2009 तक
वो सांसद बन गए . 

ये उनकी फिल्मी पारी का अवसान माना जाता है,2009के बाद उन्होंने फिर कोशिश की लेकिन अपनी कंडीशन में काम करने को लेकर सुभाष घई जैसे निर्देशक से उन्होंने पंगा ले लिया,निर्माताओं ने उन्हें लगातार काम देना चाहा लेकिन अपनी कंडीशन ऐसे निर्माता पर थोपते चले गए की निर्माता भी धीरे धीरे उनसे दूर होते चले गए,अपने घमंड, टाइम मैनेजमेंट के चलते
एक ऐसा सितारा हाशिये पर चला गया! जिसकी कल्पना खुद ईश्वर ने भी नहीं की होगी,गोविंदा एक ऐसा सुपर स्टार हुआ है
जिसकी प्रतिभा के आसपास पहुंचने मे लोगों को सदियों लग जाएंगे,ऐसी प्रतिभा की लगता है माँ सरस्वती स्वयं गोविंदा में विराजीं हों .

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