सर्व आदिवासी समाज बालोद के जिलाध्यक्ष तुकाराम कोर्राम ने आयोजन को लेकर प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि बिरसा मुंडा को याद कर आदिवासी इस दिन मूलनिवासी आदिवासी अधिकार दिवस के रूप में मनाते हैं, लेकिन प्रशासन इस आयोजन के माध्यम से जनजातीय समाज को डायवर्ड करने की साजिश रच रहा है.
उन्होंने कहा कि जनजातीय समाज को लेकर जिला प्रशासन गंभीर नहीं होने का आरोप लगाते हुए कहा कि प्रशासन को आयोजन करने से पहले सर्व आदिवासी समाज का बैठक करना था.
वहीं गुरुनानक जयंती पर स्कूली अवकाश होने के बावजूद स्कूली बच्चों को स्कूली वेशभूषा पहनाकर आयोजन में भीड़ बढ़ाने के लिए प्रशासन की ओर से आयोजन स्थल पर एकत्रित किया.
आदिवासियों के लिए आयोजित कार्यक्रम में आदिवासी समाज के एक भी पदाधिकारी नजर नहीं आए. आयोजन में कांकेर लोकसभा सांसद, विधायक, जिला व जनपद पंचायत के जनप्रतिनिधि सहित भाजपा पदाधिकारी मौजूद रहे, लेकिन जिला प्रशासन की ओर से आयोजित इस कार्यक्रम में प्रशासन भीड़ जुटाने में नाकाम रही.