दीपावली के खर्च और पार्टी के लिए चोरों ने की हद पार, रेलवे लाइन पर लगे सिग्नल की काटी केबल, पुलिस ने दो युवकों को रंगे हाथ पकड़ा

राजनांदगांव। प्रदेश के कई इलाकों में बीते कुछ दिनों से रेलवे लाइन में लगे सिग्नल के तार और अन्य उपकरणों की चोरी की घटनाएं हो रही हैं। ताजा मामला राजनांदगांव से सामने आया है, जहां सोमवार और मंगलवार की दरमियानी रात रेलवे सिग्नल के केबल की चोरी करने वाले दो युवकों को आरपीएफ ने रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। मामले में आरपीएफ ने विधिवत कार्रवाई करते हुए दोनों की निशानदेही पर चोरी की केबल बरामद कर उन्हें जेल भेज दिया है।

बता दें कि राजनांदगांव आरपीएफ को सोमवार और मंगलवार की दरमियानी रात करीब 3 बजे मंडल सुरक्षा नियंत्रण कक्ष नागपुर से राजनांदगांव रेलवे स्टेशन पश्चिमी यार्ड में सिग्नल फेल होने की सूचना मिली। जिसके बाद मंडल सुरक्षा आयुक्त नागपूर दीपचंद आर्य के दिशा निर्देशन पर राजनांदगांव RPF की टीम प्रभारी निरीक्षक तरुणा साहू के नेतृत्व में मौके पर पहुंची। इस दौरान मौके पर सिग्नल विभाग के एसएसई हीरालाल और उनके अधीनस्थ मौजूद थे। निरीक्षण के दौरान पता चला कि राजनांदगांव पश्चिमी यार्ड के सभी सिग्नल फेल हैं और सिग्नल की चार नग 30 कोर, कुल 36 मीटर केबल काटकर चोरी की गई है। इस दौरान घटनास्थल के पास बीएनसी मिल लाइन साइड की झाड़ियों में चेकिंग के दौरान दो युवकों को आरपीएफ की टीम को देखकर भागते हुए देखा गया। इसके बाद आरपीएफ की टीम ने उन्हें घेराबंदी कर धर दबोचा।

दीपावली के खर्च और पार्टी के लिए की चोरी

जानकारी के मुताबिक पुलिस के हत्थे चढ़े युवकों में एक चिखली के रामनगर निवासी भक्त राज ढीमर पिता ईश्वरी प्रसाद ढीमर (उम्र 24 साल) है, जबकि दूसरा भागवत नेताम पिता शेर सिंह नेताम (उम्र 20 साल) है, जो बसंतपुर का रहने वाला है। पूछताछ में दोनो ने बताया कि वे दीपावली के खर्च और पार्टी के लिए रेलवे की केबल काटकर जलाने की योजना बना रहे थे।

आरपीएफ ने चोरी की केबल जब्त कर दोनों को भेजा जेल

बता दें कि आरपीएफ ने दोनों युवकों की निशानदेही पर झाड़ियों में छिपाकर रखे गए चार नग सिग्नल केबल बंडल और केबल काटने के लिए उपयोग की गई हैक्सा ब्लेड भी बरामद की है। आरोपियों के खिलाफ धारा 3(अ) रेलवे अवैध कब्जा अधिनियम के तहत अपराध दर्ज कर मंगलवार को न्यायिक कार्यवाही के लिए रायपुर कोर्ट में पेश किया गया, जहां वारंट मिलने पर दोनों आरोपियों को जेल भेज दिया गया है। इस कार्रवाई में आरपीएफ उप निरीक्षक के. प्रसाद, आरक्षक राहुल घाहरे, आरक्षक प्रमोद यादव, और आरक्षक राजेंद्र रायकवाड़ की भी विशेष भूमिका रही।

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