बारूद फेक्ट्री हादसे की हो न्यायिक जांच, सरकार की लापरवाही से प्रदेश के मजदूरों की जान है खतरे में – सीटू

रायपुर : बेमेतरा जिले के बेरला ब्लैक के ग्राम बोरसी में स्पेशल ब्लास्ट लिमिटेड कंपनी की बारूद फेक्ट्री में हुई भीषण विस्फोट की घटना में मारे गए मजदूरों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए सीटू ने इसकी किसी न्यायिक जांच करने और मृतकों के परिजनों को न्यूनतम 50 लाख रुपए तथा एक आश्रित को नौकरी दिए जाने की मांग की है।
सीटू राज्य समिति ने कहा कि इस घटना के 4 बाद फेक्ट्री में उत्पादन पर रोक लगाई गई , इतने बड़े हादसे के बाद इसके लिए 4 दिन का समय लगना अनेक संदेह को जन्म देता है । इतनी बड़ी दुर्घटना के बाद 5 दिन तक सरकार या प्रशासन की ओर से इसके मालिक का ही नाम सामने नहीं लाया जा रहा था , दबाव के बाद 5 दिन बाद उस पर एफ आई आर दर्ज हुई , जबकि यह तुरंत होना था और उस पर हत्या का मामला भी दर्ज होना था ।

सवाल यह भी उठता है कि इसके पूर्व अभनपुर में नवभारत एक्सप्लोसिव की ऐसी ही दुर्घटना जिसमें 5 श्रमिक मारे गए थे के बाद इस फेक्ट्री में क्या कभी सुरक्षा उपाय या काम कर रहे श्रमिक की स्थिति का जायजा लिया गया, किसने किया, क्या इसके बाद भी इस फेक्ट्री के संचालन के लिए ग्रामीणों से कोई इजाजत ली गई थी, वहां काम कर रहे श्रमिकों को सुरक्षा उपकरण , वेतन आदि मिल रहे थे , क्या श्रम विभाग से ऐसा लाइसेंस मिला था या उसकी जांच हुई थी, प्रदेश के औद्योगिक सुरक्षा एवं स्वास्थ विभाग ने क्या वहां सुरक्षा उपयों की कभी कोई जांच की थी अगर नहीं तो फिर अब तक इसकी जवाबदेही तय कर किसी पर चाहे जिला प्रशासन, श्रम या औद्योगिक स्वास्थ विभाग उनके किसी भी जिम्मेदारों पर कोई कार्यवाही क्यों नहीं की गई। इतने बड़े हादसे के बाद भी श्रम मंत्री घटनास्थल पर क्यों नहीं गए , सरकार को इसका जवाब देना होगा ।

अभनपुर की घटना के बाद जांच दल की अनुसंशा पर सरकार ने क्या किया प्रदेश सरकार को वह भी सार्वजनिक करना चाहिए ।

दो दिन पूर्व रायपुर खमतराई थाना क्षेत्र में गोंदवारा में एक फोम फेक्ट्री में ऐसे हीं भीषण आग लग गई यहां भी दो मजदूर मारे गए । सीटू ने इन मजदूरों के परिवार को भी 50 लाख के मुआवजे की मांग की । सीटू ने कहा कि ये घटनाएं प्रदेश में मजदूरों की जान की कीमत पर खुलेआम सुरक्षा और श्रम कानून की अवहेलना कर राज्य में सरकार के संरक्षण में जारी मजदूरों के शोषण का गंभीर मामला है। रायपुर और प्रदेश के औद्योगिक क्षेत्र में बढ़ती ऐसी दुर्घटना के लिए राज्य सरकार श्रम और औद्योगिक सुरक्षा विभाग पूरी तरह जिम्मेवार है। सीटू ने इसलिए ऐसी घटनाओं के लिए जवाबदेही तय कर कड़ी कार्यवाही की मांग की ।

 

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