बलौदाबाजार। जिले के पलारी थाने के पास दारू पार्टी को लेकर भाजपाइयों और पुलिस में विवाद हुआ था. इस मामले को लेकर भाजपाइयों ने थाने में हंगामा मचाया था. रात में ही एसपी ने मामले को संज्ञान में लेकर थाना प्रभारी समेत दो आरक्षकों को निलंबित किया है. इस कार्रवाई को लेकर कांग्रेस ने शासन की निष्पक्षता पर सवाल उठाया. वहीं एकतरफा कार्रवाई से पुलिस विभाग के कर्मचारियों में आक्रोश था. मामले की जांच में पुलिसकर्मी निर्दोष पाए गए, जिसके बाद सभी का निलंबन रद्द कर दिया गया. वहीं सूत्रों के मुताबिक, भाजपा पलारी थाना में हुई घटना की अंदरुनी जांच करा रही है. यदि वाकई पदाधिकारी दोषी पाए जाते हैं तो उन पर अनुशासनात्मक कार्रवाई भी की जा सकती है.
पलारी थाने में हुए घटनाक्रम ने भाजपा के जिला से लेकर प्रदेश स्तर तक के पदाधिकारियों को चिंता में डाल दिया था. आने वाले कुछ दिनों में नगर पालिका, नगर पंचायत व ग्राम पंचायत स्तर पर चुनाव होना है. ऐसे समय में पलारी थाना के सामने हुए घटनाक्रम और उसके बाद जिलाध्यक्ष समेत पदाधिकारियों ने थाने के अंदर अपनी दमदारी दिखाई, फिर मंत्री से शिकायत के बाद तत्काल पुलिस के अधिकारी व आरक्षक को निलंबित कर दिया गया था. वहीं जांच उपरांत नगर पंचायत अध्यक्ष यशवर्धन वर्मा के शराब पीए जाने की डाक्टरी रिपोर्ट और पुलिस जांच में पुलिस अधिकारी-कर्मचारी के निर्दोष पाए जाने के बाद उनकी बहाली से भाजपा की जमकर किरकिरी हो रही है.
दोषी पदाधिकारियों पर हो सकती है अनुशासनात्मक कार्रवाई
थाने के अंदर भाजपाइयों ने दबाव डालकर कार्रवाई कराई. इस मामले में कांग्रेस को मौका मिल गया कि पुलिस पर भाजपा पदाधिकारियों का दबाव है. शासन की निष्पक्षता पर कांग्रेस जिलाध्यक्ष समेत प्रदेश स्तर के पदाधिकारियों ने जो सवाल उठाया उससे भाजपा के उच्च पदाधिकारियों को सोचने पर मजबूर कर दिया कि आखिर प्रदेश में हो क्या रहा है. भाजपा के प्रदेश पदाधिकारियों के अंदरुनी सूत्रों के मुताबिक, भाजपा पलारी थाना में हुई घटना की अंदरुनी जांच करवाई जा रही है. यदि वाकई पदाधिकारी दोषी पाए जाते हैं तो उन पर अनुशासनात्मक कार्रवाई भी की जा सकती है.