16 जुलाई को इंद्रावती भवन में हुई थी बैठक
गौरतलब है कि 16 जुलाई को इंद्रावती भवन नया रायपुर में छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी संयुक्त मोर्चा की बैठक आयोजित की गई थी। इस बैठक में प्रदेश भर से दो दर्जन से अधिक कर्मचारी अधिकारी संगठन एवं शिक्षक संगठनों के प्रतिनिधि के अलावा सत्ता पक्ष के गैर राजनीतिक अनुषांगिक संगठन से जुड़े कर्मचारी नेता भी शामिल हुए थे।
इस बैठक में मुख्यमंत्री एवं वित्त मंत्री से मिलकर कर्मचारियों की मांग रखने का निर्णय लिया गया था। उसके बाद 30 जुलाई को भाजपा के प्रदेश संगठन महामंत्री पवन साय से कर्मचारी अधिकारी संयुक्त मोर्चा के प्रतिनिधि मंडल ने मुलाकात की। इस मुलाकात में प्रतिनिधि मंडल ने संगठन महामंत्री पवन साय को अवगत कराया कि कर्मचारियों से किए गए वायदे पूरे नहीं होने से कर्मचारियों में निराशा का माहौल है, जबकि सत्ता परिवर्तन में कर्मचारियों की महत्वपूर्ण भूमिका थी। संगठन महामंत्री ने प्रतिनिधि मंडल की बातों को सुनने के बाद हर संभव मदद करने का आश्वासन दिया और महती भूमिका निभाते हुए वित्त मंत्री ओपी चौधरी तक कर्मचारियों की मांग को पहुंचाया।
इसके बाद 31 जुलाई बुधवार को वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने कर्मचारी अधिकारी संयुक्त मोर्चा के प्रतिनिधि मंडल को मिलने का समय दिया। वित्त मंत्री से मुलाकात में प्रतिनिधि मंडल ने बकाया 4% डीए, डीए के एरियर्स सहित पूर्ववर्ती सरकार के समय पिछले 5 वर्षों से लम्बित विभिन्न विभागों के कर्मचारियों की मांग से अवगत कराया। प्रतिनिधि मंडल ने आंदोलनरत नगरीय निकाय के कर्मचारियों की मांग के संबंध में चर्चा करते हुए प्रत्येक माह की एक तारीख को उन्हें वेतन देने की व्यवस्था बनाने का अनुरोध भी किया।
वित्त मंत्री ओपी चौधरी एवं भाजपा के प्रदेश संगठन महामंत्री पवन साय से मुलाकात करने वाले छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी संयुक्त मोर्चा के प्रतिनिधि मंडल में छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी महासंघ के प्रांतीय संयोजक अनिल शुक्ला, मंत्रालयीन कर्मचारी संघ के अध्यक्ष महेंद्र सिंह राजपूत, संरक्षक तीरथ लाल सेन, छत्तीसगढ़ प्रदेश स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के प्रांताध्यक्ष आलोक मिश्रा, लिपिक वर्गीय शासकीय कर्मचारी संघ के प्रांताध्यक्ष संजय सिंह, प्रांतीय प्रवक्ता देवाशीष दास, राज्य शिक्षक संघ के प्रांताध्यक्ष नरेंद्र सिंह ठाकुर शामिल थे।