रायपुर- मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की सुशासन की सरकार और संवेदनशील सरकार ने आवासहीन परिवारों को पक्की छत देने के लिए कृतसंकल्पित है। यह योजना न केवल लोगों के जीवन स्तर को ऊपर उठाने में सहायक है, बल्कि उन्हें एक सुरक्षित और स्थिर आवास भी प्रदान करती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गारंटी और मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के सुशासन में गरीब परिवारों को उनका खुद का पक्का मकान मिल रहा है। छत्तीसगढ़ सरकार की इसी पहल से नारायणपुर जिले के कुम्हारपारा निवासी रवींद्र पांडे और उनके बड़े भाई काशीराम पांडे का पक्का मकान बनाने का सपना साकार हुआ है।
रवींद्र पांडे ने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना उनके लिए वरदान साबित हुई है। पुराने दिनों की कठिनाइयों को याद करते हुए उन्होंने बताया कि पहले कच्चे घरौंदे में रहना काफी तकलीफदायक था। मौसम के अनुसार विभिन्न परेशानियों का सामना करना पड़ता था; कभी छत टपकती थी तो कभी ठंड से रात भर नींद पूरी नहीं होती थी। अब पक्का मकान मिलने से उनकी ये समस्याएं दूर हो गई हैं। उनके परिवार में उनके बड़े भाई और उनके नाम से प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के तहत पक्का मकान बना है।
श्री रवींद्र ने बताया कि उनके परिवार को महतारी वंदना योजना के तहत प्रतिमाह 1 हजार रुपए, उज्ज्वला योजना के तहत गैस कनेक्शन और इस वर्ष 3100 रुपए समर्थन मूल्य पर धान बिक्री का लाभ मिला है। उन्होंने जनकल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन और लाभ पहुंचाने के लिए देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का आभार व्यक्त किया।
प्रधानमंत्री आवास योजना का मुख्य उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को पक्का आवास उपलब्ध कराना है, जिससे वे बिना परेशानियों के अपना जीवन व्यतीत कर सकें। आज इस योजना का लाभ सुदूर क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को भी मिल रहा है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की सुशासन की सरकार और संवेदनशील सरकार ने इस योजना के माध्यम से कई परिवारों की जिंदगी को बदल दिया है। प्रधानमंत्री आवास योजना न केवल लोगों को आवास प्रदान करती है, बल्कि उन्हें एक सुरक्षित और स्थिर जीवन जीने का अवसर भी देती है। यह योजना प्रदेश में उन सभी लोगों के लिए एक नई उम्मीद लेकर आई है जो अपने घर का सपना देख रहे हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत सरकार की प्रतिबद्धता और संवेदनशीलता को दर्शाती है, जिससे लाखों लोगों को अपने सपनों का घर मिल रहा है।