रायपुर। केंद्र शासन द्वारा विशेष पिछड़ी जनजातियों के कल्याण के लिए शुरू की गई महत्वाकांक्षी योजना प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महाअभियान (पीएम जनमन) का लाभ प्रदेश के पीव्हीटीजी बसाहट वाले सुदूर अंचलों तक पहुंच रहा है। जिले के नरहरपुर विकासखंड में निवासरत विशेष पिछड़ी जनजाति (कमार) समूह के लोगों को भी शासन की विभिन्न योजनाओं का लाभ मिल रहा है, जिससे उनके जीवन स्तर में काफी सुधार हो रहा है। कांकेर जिले के नरहरपुर विकासखण्ड के ग्राम-बादल निवासी रेवती बाई ऐसी हितग्राही हैं, जिनका प्रधानमंत्री आवास (ग्रामीण) से उनका पक्का मकान का सपना साकार हो गया है।
कांकेर जिले के नरहरपुर विकासखण्ड से लगभग 8 कि.मी. की दूरी पर स्थित ग्राम बादल की रहने वाली रेवती बाई ने बताया कि पहले वे अपने परिवार के साथ कच्चे एवं पुराने मकान में निवास करती थीं, जिसमें बरसात के दिनों में जीवन-यापन करने में अत्यधिक कठिनाईयों का सामना करना पड़ता था। साथ ही मिट्टी एवं खपरैल का घर होने के कारण बारिश में पानी का टपकना, जमीन में सीलन आने के साथ जहरीले जीव-जंतुओं का खतरा भी बना रहता था। योजना के तहत् अब पक्का मकान बनने के बाद इन सभी परेशानियों से निजात मिल गई है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री आवास (ग्रामीण) योजना के तहत् ग्राम पंचायत स्तर पर वर्ष 2011 की सर्वे सूची एवं ग्रामसभा के माध्यम से आवास निर्माण हेतु वर्ष 2023-24 में स्वीकृत हुआ। इसके बाद उन्हें 02 लाख रुपए की राशि चार किश्तों में सीधे उनके बैंक खाते में मिली तथा मनरेगा के माध्यम से 95 दिवस की मजदूरी की राशि भी प्राप्त हुई।
श्रीमती रेवती ने बताया कि कच्चा जर्जर मकान में अपने परिवार के साथ बड़ी मुश्किल से गुजारा कर रही थीं, किन्तु अब प्रधानमंत्री आवास (ग्रामीण) जनमन योजना से आवास में एक कमरे सहित एक किचन, बरामदा एवं शौचालय का निर्माण हुआ है। उन्होंने कहा कि अब वे पहले से बेहतर जीवन यापन कर रही हैं। रेवती बाई ने पक्का आवास का सपना पूरा होने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के प्रति आभार प्रकट किया।