रायपुर। उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा के निर्देश पर आज कबीरधाम जिले के वनांचल क्षेत्र ग्राम तरेगांव जंगल में निःशुल्क सोनोग्राफी एवं स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया। निःशुल्क स्वास्थ्य शिविर में वनांचल क्षेत्रों में निवास करने वाले गर्भवती महिलाओं को विशेष सुविधा प्रदान की गई। शिविर में 88 गर्भवती महिलाओ का शिविर स्थल पर ही सोनोग्राफी किया गया। इसके साथ ही मरीजों का निःशुल्क जांच कर स्वास्थ्य लाभ पहुंचाया गया। मरीजों को निःशुल्क दवाई का वितरण किया गया और बीपी, सुगर, मलेरिया तथा मौसमी बिमारी के संबंध में जागरूक भी किया गया।
वनांचल क्षेत्र के ग्राम तरेगांव जंगल में आयोजित निःशुल्क स्वास्थ्य शिविर में विशेषज्ञ डॉक्टरों द्वारा मरीजों की जांच किए गए। शिविर में कुल 108 गर्भवती महिलाओं का पंजीयन किया गया। इस दौरान 88 गर्भवती महिलाओं का शिविर स्थल पर सोनोग्राफी किया गया। उच्च जोखिम वाले 31 गर्भवती महिलाओं को चिन्हांकन कर संस्थागत प्रसव के लिए विशेष निगरानी में रखा गया है। शिविर में 90 बीपी और 90 सुगर की जांच किया गया। जांच के दौरान 15 बीपी और 01 सुगर के मरीज पाएं गए। शिविर में 79 लोगों का लैब जांच, 50 लोगों का एचआईवी जांच, 10 लोगों का मलेरिया जांच, 57 लोगों को वीडीआरएल जांच, 07 लोगों का टीबी जांच किया गया। शिविर में शिशु रोग विशेषज्ञ द्वारा 15 बच्चों, मेडिसीन विशेषज्ञ द्वारा 15 और अस्थि रोग विशेषज्ञ द्वारा 11 लोगों का जांच किया गया। शिविर में नेत्र रोग विशेषज्ञ द्वारा 20 मरीजों का जांच किया गया। जिसमें 02 लोग मोतियांबिंद के मरीज पाएं गए। शिविर में 16 लोगों को चश्मा वितरण किया गया।
गर्भवती महिलाओं को मिली सोनोग्राफी की सुविधा
निःशुल्क स्वास्थ्य शिविर में वनांचल क्षेत्रों में निवास करने वाले गर्भवती महिलाओं को विशेष सुविधा प्रदान की गई। जहां गर्भवती महिलाओं को सोनोग्राफी के लिए विकासखंड या जिला मुख्यालय आना पड़ता था। लेकिन स्वास्थ्य शिविर के आयोजन से अपने क्षेत्र में सोनोग्राफी की सुविधा मिली। महिलाओं ने बताया कि मितानिनों के माध्यम से गर्भ के स्वस्थ बच्चे के जांच के लिए सोनोग्राफी कराने शिविर में लाया गया है। जिसमें सोनोग्राफी जांच के बाद उचित देखभाल के लिए परामर्श एवं दवाईयां दी गई।
वनांचलवासियों को उनके निकटतम स्थान पर ही मिली निःशुल्क स्वास्थ्य सुविधा
निःशुल्क स्वास्थ्य शिविर उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा की निर्देश एवं पहल पर आयोजित की गई। जिससे वनांचल क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच को सुनिश्चित किया जा सके। इस प्रकार के शिविरों से ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को विशेषज्ञ चिकित्सा सेवाएं उनके निकटतम स्थान पर ही उपलब्ध हुई। जिससे उनके स्वास्थ्य में सुधार और गंभीर बीमारियों से बचाव के बारे में जागरूक हुए।