रायपुर। राजधानी रायपुर के सबसे प्राचीन तालाब बूढ़ातालाब के पास स्थित धरना स्थल को लोगों के विरोध के बाद नवा रायपुर शिफ्ट कर दिया गया है। इसकी जगह को चौपाटी के रूप में डेवलप का कार्य किया जा रहा है। इस बीच स्मार्ट सिटी रायपुर द्वारा चौपाटी के बढ़ते विरोध को देखते हुए सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने आज चौपाटी के निर्माण पर रोक लगा दी है।
दरअसल, रायपुर नगर निगम स्मार्ट सिटी द्वारा शहर के विभिन्न स्थानों में वेंडिंग जोन का निर्माण किया जा रहा है। इसी कड़ी में बूढ़ातालाब स्थित पुराने धरना स्थल को भी वेंडिंग जोन के रूप में तैयार करने का कार्य प्रगति पर है। लेकिन इस जगह के ठीक पीछे शहर के कई वार्डों का कचरा डंप किया जाता है, और डंप करने के बाद कचरों की छटाई भी इसी स्थान पर की जाती है। ऐसे में न केवल आम जनता, बल्कि नगर निगम के महापौर एजाज़ ढेबर और उपनेताप्रतिपक्ष मनोज वर्मा ने भी चौपाटी पर विरोध जताया था।
इसके साथ ही, ट्रैफिक की समस्या के कारण पुराने धरना स्थल को नया रायपुर शिफ्ट किया गया था, पर इस स्थान पर वेंडिंग जोन निर्माण होने की जानकारी मिलने पर विभिन्न संगठनों के सदस्य भी लगातार इसका विरोध कर रहे थे। जिसके बाद सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने आज इसके निर्माण कार्य पर तत्काल रोक लगाने की बात कही है।
बूढ़ातालाब परिसर में बनाई जा रही चौपाटी का हो रहा विरोध
पर्यटन विभाग द्वारा बूढ़ातालाब परिसर में बनाए जा रहे चौपाटी का ग्रीन आर्मी संस्था और वहाँ मॉर्निंग-इवनिंग वॉक करने वाले लोगों ने जमकर विरोध किया है। उनका कहना है कि इस सुगम्य स्थान पर चौपाटी बनाने से गंदगी फैलने और असामाजिक तत्वों का अड्डा बनने का खतरा है।
विरोध के चलते महापौर एजाज़ ढेबर ने भी MIC सदस्यों के साथ वहाँ जाकर अपना विरोध जताया और धरना देने की चेतावनी दी। उन्होंने आरोप लगाया कि एक विधायक यूथ हब में चौपाटी का विरोध कर रहे हैं, जबकि दूसरे नेता स्कूल के किनारे चौपाटी निर्माण करवा रहे हैं।
सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने विरोध को बताया पूर्णत राजनैतिक
सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने इस विरोध को पूर्णतः राजनैतिक बताते हुए कहा कि चौपाटी का निर्माण लोगों की सुविधा के लिए किया जा रहा है। उन्होंने मॉर्निंग वॉक करने वालों के विरोध का खंडन किया और छात्राओं की सुरक्षा को लेकर कहा कि अब स्थिति में कोई समस्या नहीं है।
हालांकि, ग्रीन आर्मी संस्था और स्थानीय लोग एक बड़े प्रदर्शन की तैयारी कर रहे हैं, और यह देखना होगा कि सरकार इस मुद्दे पर कैसे प्रतिक्रिया देती है।