‘कवच सुरक्षा’ के दायरे में होगा नागपुर से झारसुगुड़ा रेल नेटवर्क, कवच प्रणाली लागू करने निविदा जारी

बिलासपुर।   दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के नागपुर से झारसुगुड़ा रेलखंड (614 रूट किलोमीटर) के हाई डेंसिटी नेटवर्क मार्ग पर कवच प्रणाली लागू करने के लिए निविदा आमंत्रित की गई है. इस परियोजना का अनुमानित मूल्य 292 करोड़ रुपए है. निविदा 25 नवंबर 2024 को खोली जाएगी.

इस परियोजना के अंतर्गत- स्टेशन कवच उपकरणों की स्थापना, भवनों का निर्माण, टावरों की स्थापना, ऑप्टिकल फाइबर केबल (ओएफसी) बिछाने का प्रावधान आदि कार्य शामिल होंगे. इसके साथ ही लो डेंसिटी नेटवर्क के लिए 1563 रूट किलोमीटर क्षेत्र में कवच प्रणाली लागू करने विस्तृत इस्टीमेट को भी स्वीकृति प्रदान की गई है. इस खंड में निविदा आमंत्रण की प्रक्रिया जारी है और निविदा कार्यक्रम तैयार किया जा रहा है.

जानिए कवच प्रणाली की खासियत

बता दें कि कवच प्रणाली भारतीय रेलवे की एक उन्नत संरक्षा तकनीक है, जो ट्रेन संचालन को संरक्षित और कुशल बनाने के लिए डिजाइन की गई है. इसका उद्देश्य दुर्घटनाओं को रोकना और रेलवे के बुनियादी ढांचे को मजबूत करना है. भारतीय रेलवे ने चलती हुई ट्रेनों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए “कवच” नामक एक स्वचालित ट्रेन सुरक्षा (ऑटोमैटिक ट्रेन प्रोटेक्शन) प्रणाली विकसित की है. यह पूर्ण रूप से स्वदेशी तकनीक है और ट्रेनों के संचालन की हर पल निगरानी करती है. यह प्रणाली सिग्नल एवं स्पीड से संबंधित दुर्घटनाओं को रोकने में पूर्णतया सक्षम है.

इस प्रणाली में पूरे सेक्शन में विश्वसनीय वायरलेस कम्यूनिकेशन स्थापित किया जाता है. सभी स्टेशनों व सभी इंजिनों में डिवाइस लगाई जाती है, जिससे ट्रेन का इंजन सम्पूर्ण ट्रैक में लगे हुए रेडियो फ्रिक्वेन्सी टैग द्वारा ट्रैक व सिग्नल से संबन्धित विवरण प्राप्त करता है. इंजन में स्थित डिवाइस (लोको यूनिट) स्टेशन के इंटरलाकिंग सिस्टम, सिग्नल के निर्देश और समपार फाटकों से विवरण लेती है और कंप्यूटरीकृत प्रणाली के निर्देशानुसार ट्रेन का संचालन सुरक्षित गति से करती है अर्थात ट्रेन की गति सिग्नल की स्थिति-पोजीशन के साथ इंटरलॉक होती है.

आमने-सामने ट्रेनों को टक्कर होने से बचाएगी कवच प्रणाली

‘कवच’ प्रणाली द्वारा ऑटोमैटिक तकनीक के जरिए अब दो गाड़ियों के बीच आमने-सामने से टक्कर नहीं होगी. खास बात ये है कि इस तकनीक को देश में तैयार किया गया है. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मार्च 2022 में कवच सुरक्षा तकनीक का सफल जीवंत परीक्षण दक्षिण मध्य रेलवे के सिकंदराबाद मंडल में लिंगमपल्ली-विकाराबाद खंड पर गुल्लागुडा-चिटगिड्डा रेलवे स्टेशनों के बीच कराया था. दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे यात्रियों और कर्मचारियों की संरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए इस महत्वपूर्ण परियोजना को लागू कर रहा है.

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