सीएमओ मुद्रिका तिवारी का आरोप है कि नगर पंचायत की बैठक के दौरान परिसीमन का मुद्दा उठाकर उपाध्यक्ष प्रमोद गुप्ता और तीन पार्षदों – रामनिवास गुप्ता, मधुसूदन भगत, और गीता सिन्हा ने माहौल को तनावपूर्ण बना दिया. उन्होंने कहा कि उपाध्यक्ष और पार्षदों ने इस मुद्दे पर गहमागहमी करते हुए उनके साथ अभद्रता की और कार्यालय का ताला बंद करवा दिया. इसके बाद स्थिति बिगड़ने पर मारपीट की भी कोशिश की गई.
सीएमओ मुद्रिका तिवारी ने बताया कि अप्रिय घटना घटने से पहले उन्होंने ताला खुलवाया और सुरक्षित रूप से नगर पंचायत कार्यालय से निकल गए. इस घटना के बाद उन्होंने स्थानीय थाने में जाकर शिकायत दर्ज कराई और नगरीय प्रशासन विभाग समेत उच्चाधिकारियों को पत्र लिखकर तत्काल कार्रवाई की मांग की है.
इस मामले के सामने आने के बाद अधिकारियों की सुरक्षा पर सवाल खड़े होने लगे हैं. कार्यालय में जब वहां के उच्च अधिकारी सुरक्षित नहीं और उन्हें खुद के बचाव के लिए ऑफिस से निकलना पड़ जाए. बहरहाल, अब देखना होगा कि मामले की जांच के बाद क्या कार्रवाई की जाती है.