बिलासपुर। तीसरी बटालियन, छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल, अमलेश्वर-दुर्ग में आरक्षक वीएन सोरेन को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया था. मामले की जांच के बाद दोषमुक्त होने के बाद भी पद पर बहाल नहीं किए जाने पर आरक्षक द्वारा दायर याचिका की सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने बर्खास्तगी आदेश को निरस्त कर सेवा में बहाल करने का आदेश दिया है.
अधिवक्ता अभिषेक पांडेय ने बताया कि पदस्थापना के दौरान वीएन सोरेन के विरूद्ध पुलिस थाना कुरूद, जिला धमतरी में भारतीय दण्ड विधान की धारा 420, 506 में अपराध पंजीबद्ध होने के बाद विभागीय जांच के पश्चात् उन्हें सेवा से बर्खास्त कर दिया गया था.
आपराधिक मामले के ट्रायल पश्चात् अदालत ने वीएन सोरेन को पूर्ण रूप से दोषमुक्त कर दिया, लेकिन दोषमुक्ति के पश्चात् भी सेवा में बहाल ना किये जाने से क्षुब्ध होकर आरक्षक ने हाईकोर्ट में रिट याचिका दायर की. अधिवक्ता अभिषेक पाण्डेय ने हाई कोर्ट में याचिकाकर्ता की ओर से तर्क दिया.
अधिवक्ता ने तर्क दिया कि पुलिस अधिकारी/कर्मचारी आपराधिक मामले में पूर्ण रूप से दोषमुक्त होने पर वह सेवा में बहाली एवं अन्य आर्थिक लाभ पाने का हकदार है, इसके बावजूद भी याचिकाकर्ता को सेवा में बहाल नहीं किया गया. हाई कोर्ट ने सुनवाई पश्चात याचिकाकर्ता के विरूद्ध पारित बर्खास्तगी आदेश को निरस्त कर उसे सेवा में बहाल करने का आदेश दिया.