चंदा नहीं देने पर गणेश समिति के सदस्यों ने महिला के घरवालों से की मारपीट, राज्य महिला आयोग में हुई सुनवाई, जानिए क्या हुआ फैसला…

रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक ने आयोग के कार्यालय में महिला उत्पीड़न से संबंधित प्रकरणों पर सुनवाई की. इसमें गणेश समिति के सदस्यों ने चंदा नहीं देने पर महिला के घरवालों से मारपीट मामले में सुनवाई हुई.

इस दौरान एक प्रकरण पर सुनवाई हुई, जिसमें रायपुर के राजेंद्र नगर क्षेत्र में गणेश समिति के सदस्यों ने अवेदिका के घरवालों से मारपीट की. अवेदिका की ओर से लगाए गए आवेदन के मुताबिक सभी अनावेदकगण गणेश समिति के सदस्य है. तेलीबांधा के इन्द्रा आत्मा नगर पुरेना राजेन्द्र नगर थाने में हर साल गणेश बैठाया जाता है. और सभी अनावेदकगण यही के गणेश समिति के सदस्य है, जिनकी ओर से गणेश चंदा के नाम पर 10 हजार रुपए की मांग आवेदिका से की गई और गणेश चंदा न मिलने पर अनावेदकगणों ने आवेदिका के बेटे और पति के साथ मारपीट की. आज सुनवाई में उपस्थित अनावेदक ने भी अवेदिका पर आरोप लगाये कि आवेदिका के बेटे ने उसके साथ हाथापाई की थी, जिससे उसकी गर्दन में नाखून से खरोच आ गई थी. इस मामले में थाना राजेन्द्र नगर के सिपाही का नाम भी आवेदिका ने लिया, जिसके बाद आयोग ने इस प्रकरण में राजेन्द्र नगर थाना प्रभारी से 1 महीने के अंदर विस्तृत रिपोर्ट मंगाई है ताकि प्रकरण का निराकरण किया जा सके.

अवैध संबंध को लेकर समझाइश

एक अन्य प्रकरण में आवेदिका के पति का अन्य महिला से संबंध होने की शिकायत आवेदिका ने की थी. आवेदिका ने बताया कि उसके पति का अन्य महिला से अवैध संबंध है, जो कि गैर कानूनी है. आयोग के समक्ष दूसरी महिला ने यह बात स्वीकार की. उसे आवेदिका के पति से किसी भी तरह का संबंध न रखने की समझाइश देते हुए दो महीने के लिए नारी निकेतन भेजा गया. आवेदिका और उसके बेटों को कहा गया कि यदि उनके पिता अन्य महिला के साथ देखे गए तो फोटो खींचकर आयोग में काउंसलर के पास जमा करे ताकि अन्य महिला के ऊपर कड़ी कार्रवाई की जा सके. साथ ही अनावेदक को अपने दोनो बच्चों को प्रति माह 8 हजार रुपए भरण-पोषण देने कहा गया और प्रकरण 1 वर्ष के लिए निगरानी में रखा गया है.

शादी का प्रस्ताव देकर धोखाधड़ी मामले की सुनवाई

एक अन्य प्रकरण में आवेदिका ने अनावेदक के खिलाफ धोखाधड़ी और शादी का प्रस्ताव देकर शारीरिक, आर्थिक शोषण व प्रताड़ना की शिकायत की थी और आवेदिका से लगभग साढ़े तीन लाख रुपए भी अनावेदक ने लिए थे। अनावेदक का विवाह हो चुका है और वह अपने आपको निर्दोष बताने की कोशिश कर रहा है। आयोग ने दोनो पक्षों को समझाइश दी कि वह दोनों अपने कॉल डिटेल वर्ष 2019 से अब तक का निकालकर देंगें, जिसमें एक-दूसरे के मोबाइल नंबर से कब-कब बातचीत हुई है इसका विवरण होना चाहिए. यदि लेन-देन हुआ है तो उसकी डिटेल भी बैंक से लेकर आए. यदि कोई भी पक्ष आदेश का पालन नहीं करता तो यह माना जायेगा कि वह आयोग से तथ्यों को छुपा रहा है और उसके खिलाफ कार्रवाई की जा सके.

बता दें आज आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक की अध्यक्षता में 282 सुनवाई की गई. अब तक रायपुर जिले में कुल 133 जनसुनवाई हो चुकी है.

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