रायपुर। ढीली सूती टी-शर्ट और धुली हुई जींस पहने हुए, दिनेश कुमार सेवक अपने बच्चों के भविष्य के सपने को लेकर उत्साहित दिखते हैं। पेश से इलेक्ट्रिशियन दिनेश ने बताया कि वे चाहते हैं उनके बच्चों को अच्छी शिक्षा मिले और बड़े होकर शिक्षक या पुलिस अधिकारी बनें। उनकी यह इच्छा अब मुख्यमंत्री नौनिहाल छात्रावृत्ति योजना से पूरी होने जा रही है।
बारहवीं तक शिक्षा प्राप्त करने के बावजूद, दिनेश कुमार के लिए रोज़गार के बेहतर अवसर उपलब्ध नहीं हो सके और वे इलेक्ट्रिशियन के काम से जुड़ गए। एक दिन उन्होंने अपने बच्चों की शिक्षा के लिए आर्थिक सहायता की जानकारी लेने के लिए मुख्यमंत्री श्रमिक हेल्पलाइन पर संपर्क किया। श्रम विभाग के अधिकारियों ने दिनेश को ‘मुख्यमंत्री नौनिहाल छात्रवृत्ति योजना’ के बारे में बताया, इससे दिनेश को ऐसा लगा जैसे बंद किस्मत दरवाज़ा खुल गया हो।
अनुसूचित जाति समुदाय से ताल्लुक रखने वाले दिनेश कुमार ने बताया कि वे बिलासपुर जिले के सिंगरी गांव के रहने वाले हैं। उन्हें बचपन में न तो सही मार्गदर्शन मिला और न ही आगे बढ़ने के पर्याप्त अवसर लेकिन बच्चों के सुनहरे भविष्य को लेकर हमेशा चिंतित रहते थे। उन्होंने बताया कि हेल्पलाइन से सारी प्रक्रिया समझने के बाद उन्होने आवेदन किया, इसके बाद उन्हें अपनी 12 और 14 वर्ष की दो बेटियों के लिए 3,000 रुपये की वित्तीय सहायता मिली। यह सहायता उनके तत्कालीन आर्थिक संकट को कम करने में सहायक सिद्ध हुई।
दिनेश कुमार ने बताया कि मुख्यमंत्री नौनिहाल छात्रावृत्ति योजना से उनकी बेटियां अब बिना किसी फीस की चिंता किए पूरी तरह अपनी पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित कर रही हैं। वे आत्मविश्वास से कहते हैं। वे प्रतिदिन अपनी बेटियों को स्कूल छोड़ने जाते हैं, इस योजना के माध्यम से मिली आर्थिक सहायता ने न केवल उनके परिवार की स्थिति को बदला, बल्कि उनके बच्चों की शिक्षा का मार्ग भी प्रशस्त किया है।