दंतेवाड़ा। छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा के जिला अस्पताल में 20 बुजुर्ग आदिवासियों के मोतियाबिंद का ऑपरेशन किया गया। सर्जरी के बाद 10 बुजुर्गों को आंख में खुजली, दर्द, दिखाई देना बंद हो गया। आनन-फानन में दंतेवाड़ा के सरकारी डॉक्टर्स ने मरीजों को गुरुवार को रायपुर के अंबेडकर हॉस्पीटल भेज दिया। स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी अस्पताल पहुंचे और मरीजों का हाल-चाल जाना।सर्जरी करने वाली डॉ गीता नेताम को सस्पेंड कर दिया गया है। गलत इलाज की वजह से ये 10 ग्रामीण आदिवासी अब परेशानी में हैं। इन्हें दिखाई नहीं दे रहा। मामला सामने आया तो रविवार को प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल आदिवासी ग्रामीणों से मिलने पहुंचे। उन्होंने डॉक्टर्स की टीम को निर्देश दिया कि सभी का सही से इलाज किया जाए।
मंत्री विभाग के अफसरों पर भड़के हुए हैं। इन मरीजों को लेकर अंबेडकर अस्पताल के अधीक्षक डॉ. संतोष सोनकर ने बताया कि एक-दो दिन बाद ही मरीजों की आंखों की स्थिति का पता चल सकेगा। फिलहाल उन्हें नेत्र रोग विभाग में अलग वार्ड में रखा गया है। जूनियर डाक्टरों की एक टीम उनकी निगरानी कर रही है। इन बुजुर्ग आदिवासियों का ऑपरेशन करने वाली डॉक्टर का नाम डॉ गीता नेताम है। फिलहाल सामने आई जानाकारी के मुताबिक ऑपरेशन थिएटर को सैनिटाइज किए बिना ये सर्जरी की गई है। स्वास्थ्य मंत्री जायसवाल ने अफसरों ने इसे लेकर जानकारी मांगी है। जिन मरीजों को अब दिखना बंद हो चुका है, उनकी रायपुर में फिर से सर्जरी कर उन्हें ऑबर्जवेशन में रखा गया है।