मुख्यमंत्री श्री साय ने श्री सत्य सांई ट्रस्ट के योगदान की सराहना करते हुए कहा कि यह अस्पताल सत्य सांई बाबा के आशीर्वाद से माता कौशल्या की धरती और भगवान राम के ननिहाल में बना है। इसका उद्देश्य मानवता की सेवा है। उन्होंने कहा कि अस्पताल में जन्मजात हृदय रोग से पीड़ित 33 हजार से अधिक बच्चों के जटिल हृदय ऑपरेशन निःशुल्क किए गए हैं, ओपीडी में तीन लाख से ज्यादा बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। जिससे छत्तीसगढ़ की देश-विदेश में पहचान बनी है। उन्होंने हॉस्पिटल के विशेषज्ञ चिकित्सकों को इस उपलब्धि के लिए धन्वंतरी अवार्ड से सम्मानित किया। मुख्यमंत्री ने संजीवनी अस्पताल की सराहाना करते हुए कहा कि इस अस्पताल में कैश काउंटर नहीं है, लोग निःशुल्क इलाज करवाकर खुशी-खुशी लौटते। यहां लोग पर्स लेकर नहीं आते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस अस्पताल का उदघाटन 21 फरवरी को उनके जन्मदिवस के दिन हुआ था और इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से प्रत्यक्ष आशीर्वाद प्राप्त हुआ था। सत्य सांई ट्रस्ट अब नर्सिंग छात्राओं को निःशुल्क शिक्षण, आवास और भोजन की सुविधाएं भी प्रदान करेगा।
विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने अपने कार्यकाल के दौरान अस्पताल के शिलान्यास और निर्माण का मैं बतौर मुख्यमंत्री प्रत्यक्ष साक्षी रहा हूं, यह मेरे लिए एक भावुक क्षण है। सत्य सांई ट्रस्ट की प्रतिबद्धता से अस्पताल का निर्माण एक वर्ष के भीतर ही पूरा हुआ। बच्चों के जन्मजात हृदय रोग का इलाज कराने देश के साथ-साथ विदेशों से बड़ी संख्या में लोग आते हैं।
स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने भी सत्य सांई ट्रस्ट की प्रशंसा करते हुए इसे मानवता की सेवा में समर्पित संस्थान बताया। उन्होंने कहा कि नर्सिंग कॉलेज की शुरुआत से छात्राओं को निःशुल्क आवास और भोजन की व्यवस्था मिलेगी।
कार्यक्रम में सत्य सांई संजीवनी ट्रस्ट के अध्यक्ष सी. श्रीनिवास ने नवजात बच्चों के हृदय रोगों के निःशुल्क उपचार की सेवाओं पर प्रकाश डाला और ट्रस्ट के भविष्य के उद्देश्यों पर चर्चा की। सत्य साईं संजीवनी हॉस्पिटल में प्रतिदिन आयोजित होने वाले ‘नवजीवन उपहार‘ कार्यक्रम के तहत आज पूरी तरह स्वस्थ हो चुके पांच बच्चों को मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के हाथों उपहार प्रदान कर शुभकामनाएं दी गईं और उन्हें अस्पताल से डिस्चार्ज किया गया।
इस कार्यक्रम के दौरान बताया गया कि कोरबा जिले के बालक प्रखर साहू की दुर्घटना में मृत्यु के बाद उनके अभिभावकों द्वारा शरीर दान किया गया था। इस बच्चे के हृदय का वाल्व एक बच्चे को लगाया गया, जिससे बच्चे को नया जीवन मिला। यह बच्चा पूरी तरह स्वस्थ हो गया है। इस बच्चे को आज अस्पताल से डिस्चार्ज किया गया। मुख्यमंत्री ने प्रखर के अभिभावकों को सम्मानित करते हुए उनकी इस मानवीय पहल की सराहना की और इसे समाज के लिए प्रेरणादायक बताया। मुख्यमंत्री ने स्वस्थ हुए बच्चों और उनके परिवारों को शुभकामनाएं देते हुए संजीवनी हॉस्पिटल की टीम को इस अद्भुत सेवा के लिए बधाई दी।
इस अवसर पर नर्सिंग की नव प्रवेशी छात्राओं, उनके अभिभावकों, हॉस्पिटल के चिकित्सा व पैरामेडिकल स्टाफ, और प्रबंधन समिति के सदस्य उपस्थित थे।