रायपुर। छत्तीसगढ़ में बलौदाबाजार की हिंसा के बाद मंगलवार को राजगुरु धर्मगुरु गुरुबालदास साहेब के नेतृत्व में सतनामी समाज का प्रतिनिधि मंडल ने सीएम विष्णुदेव साय से मुलाकात की। जहां मुलाकात के बाद सीएम श्री साय ने कहा कि, छत्तीसगढ़ में हमारी सरकार हर समाज में शांति और सद्भावना बनाए रखने के साथ विकास के लिए कृत-संकल्पित है। सरकार के इस कार्य को अंजाम देने में शांति और अहिंसा के मार्ग पर चलने वाले सतनामी समाज का पूर्ण सहयोग है। इस अवसर पर आरंग विधायक गुरु खुशवंत साहेब सहित प्रदेश भर से आए सतनामी समाज के राजमहन्त भी उपस्थित थे।
दोषियों के खिलाफ होगी कड़ी कार्यवाही
सीएम श्री साय ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वस्त करते हुए कहा कि, हाल ही में हुई बलौदाबाजार जिले की घटना बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। सतनामी समाज इस घटना को लेकर बहुत दुखी है। इसमें दोषियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्यवाही होगी। उन्होंने इस दौरान समाज के लोगों को आश्वस्त किया है कि, निर्दोष लोगों को किसी भी तरह से प्रताड़ित नहीं किया जाएगा, लेकिन जो दोषी पाए जाएंगे उन्हें किसी भी हाल में बक्शा नहीं जाएगा। उन्होंने समाज के लोगों को भरोसा दिलाया कि शासन-प्रशासन की जाने वाली कार्यवाही पूर्णतः न्यायसंगत होगी।
सीएम साय ने आगे कहा कि, इस घटना में कोई निर्दोष ना फंसे इसके लिए भी शासन-प्रशासन पूरी तरह से सजग है। उन्होंने यह भी अवगत कराया कि सरकार की ओर से राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा की अध्यक्षता में समिति गठित है। इस समिति के समक्ष निर्दोष लोगों के बारे में समाज की ओर से जानकारी दी जा सकती है ताकि ऐसे व्यक्ति जो घटना में संलिप्त नहीं हैं, उनपर कोई कार्यवाही ना हो। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से मुलाकात के दौरान प्रतिनिधिमंडल ने एक स्वर से कहा कि राज्य सरकार की ओर से प्रदेश में शांति एवं सद्भावना बनाए रखने के लिए किए जा रहे कार्यों में समाज की पूर्णतः सहभागिता है और आगे भी रहेगी।
सतनामी समाज बोला- हिंसा में समाज की कोई संलिप्तता नहीं
प्रतिनिधिमंडल की ओर से बताया गया कि, सतनामी समाज बाबा गुरु घासीदास का अनुयायी है और यह सदैव से एक शांतिप्रिय समाज रहा है। सतनामी समाज इस घटना की कड़ी निंदा करता है। घटना को असामाजिक तत्वों ने अंजाम दिया है इसमें समाज की कोई संलिप्तता नहीं है। समाज मे इस घटना को लेकर गहरा दुख है। हम चाहते हैं कि जिन्होंने इस घटना को अंजाम दिया है, उनके खिलाफ कड़ी कार्यवाही हो। ताकि ऐसी घटना की पुनरावृत्ति ना होने पाए।