रायपुर- छत्तीसगढ़ में 2 हजार करोड़ के शराब घोटाला मामले में लगातार नए-नए खुलासे हो रहे हैं। अब EOW की जांच में खुलासा हुआ है कि आबकारी विभाग के मुख्यालय के स्टेट फ्लाइंग स्क्वायड के जिला स्तर के अधिकारियों को 15 जिलों में नकली शराब भेजी जा रही थी। वहीं कुछ सहायक जिला अधिकारी के कुछ अधिकारी शराब दुकानों से कलेक्शन का काम करते थे। साथ ही यह आरोप है कि पैसों को अनवर ढेबर, अनिल टूटेजा, एपी त्रिपाठी द्वारा संचालित सिंडिकेट तक पहुंचाया जाता था। इस कड़ी में EOW ने आबकारी इकबाल और जनार्दन कौरव से लंबी पूछताछ की है। पूछताछ में अहम जानकारी मिलने का खुलासा हुआ है। जिसमें शराब की बाटलिंग, ट्रांसपोर्टिंग, दुकानों में ब्रिकी और ब्रिकी से आने पैसों के कलेक्शन को लेकर जानकारी मिली है।
सूत्रों के अनुसार जल्द ही इस मामले में जिला स्तर के अधिकारियों की गिरफ्तारी हो सकती है। बता दें कि नया रायपुर के जीएसटी भवन के ग्राउंड फ्लोर में शराब सिंडिकेट के लिए नकली होलोग्राम छापने वाली कंपनी का खुलासा हुआ है। जो कि प्रिज्म होलोग्राफिक एंड फिल्म्स सिक्यूरिटीज प्राइवेट लिमिटेड के नाम से संचालित थी। जिसके स्टेट हेड दिलीप पांडे कि गिरफ्तारी के बाद आबकारी विभाग भी कंपनी पर कार्रवाई करने वाली है। कहा जा रहा है कि दिलीप पांडे की निशानदेही पर EOW ने कंपनी द्वारा संचालित प्रेस से हार्डड्राइव जब्त की है। जिससे नकली होलोग्राम में छपने वाले सिरीयल नंबर जारी किए जाते थे। इस कार्रवाई के बाद आबकारी विभाग प्रिज्म होलोग्राफिक का टेंडर रद्द करने वाली है। कंपनी को इस बाबत नोटिस भी जारी किया गया है। आबकारी सचिव आर संगीता जल्द से जल्द से तकनीकी रूप से सुरक्षित होलोग्राम बनाने तकनीकी एक्सपर्ट की बैठक भी ले रही हैं। सूत्रों के अनुसार गड़बड़ी से बचने अब सरकारी प्रेस से होलोग्राम छपवाने की तैयारी कर रही है।