कार्यशाला को संबोधित करते हुए जस्टिस प्रशांत मिश्रा ने कहा कि साइबर जागरूकता एवं जल संरक्षण यह दो ऐसे विषय है जो आज के समय में हम सभी के जीवन से सीधे तौर से जुड़े हुए है. साइबर अपराधों से बचाव के लिए इसके बारे में जागरूक होना सबसे महत्वपूर्ण कड़ी है. आज टेक्नालॉजी तेजी से विकसित हो रही है. ऐसे में स्वयं को अपडेट रखना और साइबर अपराधों से जुड़ी जानकारी व उससे बचाव के तरीकों को अमल में लाकर ऐसे अपराधों से बचा जा सकता है. उन्होंने अपने आसपास के वाकये बताते हुए कहा कि साइबर ठग लोगों को ज्यूडशरी से जुड़े लोगों के नाम पर भी ठगने का प्रयास करते है. ऐसे मामलों में सतर्कता व सुझबुझ से काम लेना जरूरी है. उन्होंने जल संरक्षण को लेकर कहा कि यह ऐसा मामला है जिसमें हर नागरिक की सहभागिता जरूरी है. जागरूकता के साथ ही जल संरक्षण के उपायों को अमल में लाकर ही हम अपने आसपास एक बेहतर वातावरण निर्मित कर सकते है. इसके लिए सभी को सकारात्मक सोच के साथ काम करने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, जिला एवं पुलिस प्रशासन के द्वारा लोगों को जागरूक करने के लिए एक अच्छा प्रयास किया जा रहा है. अधिक से अधिक लोगों को इसका लाभ लेकर अपने आसपास दूसरों को भी जागरूक करना चाहिए.
वित्त मंत्री ओ.पी.चौधरी ने कहा कि साइबर अपराधों का दायरा जिस तेजी से बढ़ा है, लोगों के बीच सतर्कता का स्तर उसी अनुरूप बढ़ाना आवश्यक है. आज के डिजीटल युग में अगर समझदारी से काम न लिया जाए तो एक क्लिक में आदमी अपनी सारी जमा पूंजी गंवा सकता है. उन्होंने बताया कि चोरी जैसे अपराधों के मुकाबले अब साइबर ठगी से लोगों को कही ज्यादा आर्थिक नुकसान हो रहा है. शासन-प्रशासन अपने स्तर पर ऐसे अपराधों पर लगाम लगाने व अपराधियों को सजा दिलाने के लिए कार्य कर रही है. लेकिन एक जिम्मेदार नागरिक के रूप में सभी को सतर्कता बरतने की आवश्यकता है. साइबर अपराधों के तरीके व इसके पीछे काम करने वाले मनोभावों की समझ बढ़ाकर तथा उससे बचाव के तरीकों के बारे में स्वयं तथा अपने परिवार वालों को जागरूक कर साइबर अपराधों से बचा जा सकता है. उन्होंने जिला प्रशासन के जल संरक्षण अभियान की सराहना करते हुए कहा कि रायगढ़ में भू-जल व पर्यावरण संरक्षण की दिशा में यह महत्वपूर्ण कार्य है. उन्होंने बताया कि शासन स्तर पर नवा रायपुर में पीपल फॉर पीपुल अभियान चलाकर व्यापक रूप से पीपल के पेड़ लगाने का काम किया जा रहा है. रायगढ़ जिले में भी व्यापक स्तर पर यह कार्य हुआ है. केलो बांध का पानी नहरों के माध्यम से किसानों तक पहुंचाने की दिशा में कार्य हो रहा है. उन्होंने कहा कि हमारी संस्कृति में प्रकृति पूजन का अहम स्थान रहा है. इसको दृष्टिगत रखते हुए हम सभी को जल संरक्षण की दिशा में साथ मिलकर कार्य करना होगा. उन्होंने बताया कि पर्यावरण संरक्षण की दृष्टि से शासन स्तर पर फ्लाईएश व ईएसपी मैनेजमेंट की दिशा में भी कार्य किया जा रहा है.
कार्यशाला को कलेक्टर कार्तिकेया गोयल ने संबोधित करते हुए कहा कि साइबर सुरक्षा व जल संरक्षण को लेकर जागरूकता आज समाज के प्रत्येक नागरिक के लिए बेहद जरूरी है. सभी के साझे प्रयास से ही इन समस्याओं का समाधान संभव है. पुलिस अधीक्षक दिव्यांग पटेल ने कार्यक्रम में आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इन सामाजिक उद्देश्यों की पूर्ति सभी के समन्वित प्रयास से ही संभव होगी. कार्यशाला में नगर निगम आयुक्त सुनील कुमार चंद्रवंशी, एसडीएम रायगढ़ प्रवीण तिवारी, डीएसपी साइबर अभिनव उपाध्याय व साइबर टीम के साथ हेल्पिंग हैंड्स क्लब फाउंडेशन के संरक्षक मनोज गोयल अध्यक्ष अंकित अग्रवाल, विन्नी सलूजा, निलेश अग्रवाल, राजेश अग्रवाल, कविता बेरीवाल, अंजू बंसल, दिव्य ऊर्जा लायंस क्लब, लायंस क्लब प्राइड, रानीसति सेवा समिति, लायंस क्लब सिटी, दिव्य शक्ति सहित शहर के गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे.
जन भागीदारी से जल भागीदारी की मुहिम होगी सफल
कार्यक्रम में सीईओ जिला पंचायत जितेन्द्र यादव ने जन भागीदारी से जल भागीदारी विषय पर जिला प्रशासन द्वारा किए गए कार्यों के बारे में जानकारी दी. उन्होंने बताया कि पूरे जिले में जल संरक्षण को लेकर विभागीय समन्वय से व्यापक स्तर पर कार्य किए जा रहे है. इसमें लोगों को जल संरक्षण के लिए जागरूक करने के साथ पानी को सहेजने के लिए किए जा रहे प्रयासों में उनकी सक्रिय सहभागिता सुनिश्चित की जा रही है. इस मुहिम में जिले के हर पंचायत में काम किया जा रहा है. दस हजार से अधिक हैण्डपंप के समीप सोख्ता गड्ढा बनाया गया है. 50 हजार पीपल के पेड़ लगाए गए है. नारी शक्ति से जल शक्ति के ध्येय के साथ कार्य किया जा रहा है. रायगढ़ में जल शक्ति केन्द्र की स्थापना की गई है. अमृत सरोवर योजना से तालाबों के गहरीकरण व विस्तार का काम किया जा रहा है. विभागों द्वारा विभिन्न प्रकार की जल संरक्षण संरचनाओं का निर्माण किया गया है. किसानों को उद्यानिकी फसलों की खेती से जोड़ा गया है. स्वच्छता ही सेवा के तहत पर्यावरण संरक्षण के लिए कार्य किया जा रहा है. जिसमें लोगों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया है. उन्होंने कहा कि जल संरक्षण ऐसा विषय है जिसमें हम सभी को साथ मिलकर कार्य करना है. इससे आने वाली पीढिय़ों को प्रकृति का यह उपहार मिलता रहे.
साइबर अपराधों से बचाव के लिए जागरूकता है फर्स्ट लाईन ऑफ डिफेंस, टू स्टेप वेरीफिकेशन का करें उपयोग
साइबर अपराधों के प्रति जागरूकता के संबंध में डीएसपी साइबर अभिनव उपाध्याय ने प्रजेन्टेशन के माध्यम से विस्तार से जानकारी दी. उन्होंने कहा कि साइबर अपराध से बचने के लिए जागरूकता ही फर्स्ट लाईन ऑफ डिफेंस है. लोगों को साइबर जागरूकता पखवाड़ा के माध्यम से आजकल होने वाले ऑनलाईन अपराध के तरीकों के बारे में जानकारी दी जा रही है. उन्होंने बताया कि आज साइबर ठगी के नये-नये तरीके अपराधियों ने इजाद कर लिए है. इसका दायरा बढ़ रहा है, जिसकी रोकथाम के लिए हमें स्वयं के साथ परिवार व समाज को इसके प्रति सतर्क करना होगा. उन्होंने बताया कि लोग ठगी करने के लिए कम समय में अधिक लाभ, लिंक को क्लिक करने पर पैसे मिलने की गारंटी, ऑनलाईन फेक (झूठा)शेयर टे्रडिंग स्कैम, अश्लील वीडियो शूट कर ब्लेक मेलिंग, सोशल मीडिया प्रोफाईल की क्लोनिंग कर पैसे उगाही, किसी करीबी को नुकसान पहुंचने की झूठी जानकारी देकर पैसे मांगना, ऑनलाईन शॉपिंग की डिलीवरी में दिक्कत जैसे तरीकों से लोगों को ठगा जा रहा है. उन्होंने कहा कि ऑनलाईन अंजान लोगों पर भरोसा कर नुकसान उठा सकते है. उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया प्रोफाईल का उपयोग सतर्कता से करने, टू स्टेप वेरीफिकेशन का उपयोग करने जैसे कदम उठाकर आप इन अपराधों से बच सकते है.
साइबर अपराध घटित होने पर 1930 तथा 94792-81934 पर सूचना देकर ले सकते है सहयोग
डीएसपी अभिनव उपाध्याय ने बताया कि किसी भी प्रकार की साइबर ठगी होने पर शुरूआती एक घंटा गोल्ड आवर कहा जाता है. इसलिए कभी भी इस प्रकार की घटना हो तो तत्काल पुलिस को सूचना दें. आप 1930 तथा 94792-81934 पर सूचना देकर सहयोग ले सकते है.