रायपुर। राजधानी के साइंस कॉलेज मैदान में आयोजित सशस्त्र सैन्य समारोह की तैयारियाँ लगभग पूरी हो चुकी हैं। आज पंडित दीनदयाल ऑडिटोरियम में ब्रिगेडियर अमन आनंद (विशिष्ट सेवा मेडल) और कलेक्टर डॉ. गौरव कुमार सिंह ने प्रेस वार्ता लेकर आयोजन की तैयारियों के बारे में जानकारी साझा की। इस दौरान उन्होंने बताया कि 5 और 6 अक्टूबर को सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक आर्मी आउटरीच प्रोग्राम आयोजित किया जाएगा। इसमें 300 से अधिक सेना के जवान शामिल होंगे, जिसमें सेना से जुड़े विभिन्न आधुनिक उपकरणों की प्रदर्शनी लगाई जाएगी। इसके अलावा विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाएगा।
दंतेवाड़ा के बच्चे करेंगे घुड़सवारी, सेना के खुखरी नृत्य देखने का मिलेगा मौका
प्रदर्शनी में विशेष कमांडो बल द्वारा स्लिथरिंग प्रदर्शन, बाइक शो और सेना के साथ दंतेवाड़ा के बच्चे घुड़सवारी करते हुए नज़र आएंगे, साथ ही पैराशूट जंपिंग भी होगी। प्रमुख रूप से युद्ध के दौरान इस्तेमाल किए जाने वाले ड्रोन की प्रदर्शनी के माध्यम से देखने को मिलेगा। यहाँ सेना के गोरखा रेजिमेंट द्वारा खुखरी नृत्य की प्रस्तुति भी दी जाएगी। पहले दिन सेना के सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे, जबकि दूसरे दिन छत्तीसगढ़ी सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन होगा।
एक मिनट में 950 राउंड फायरिंग वाले हथियारों की होगी प्रदर्शनी
प्रदर्शनी में इज़राइल की 950 राउंड प्रति मिनट फायरिंग करने वाली टेवर टार-21 असॉल्ट राइफल, 650 राउंड प्रति मिनट फायरिंग करने वाली ग़लील असॉल्ट राइफल, टी-90 भीष्म टैंक, बीएमपी-2 पैदल सेना लड़ाकू वाहन, जेडीयू 23 गन और आर्टिलरी की 105 एमएम लाइट फील्ड गन सहित आधुनिक हथियार और उपकरण सुबह 9 बजे से 4 बजे तक लोगों के देखने के लिए प्रदर्शित किए जाएंगे।
दो दिवसीय होगा आयोजन, तैयारियों में जुटा प्रशासन, बसों की मिलेगी निःशुल्क सुविधा
इस कार्यक्रम के ज़रिये अधिक से अधिक बच्चों को जोड़ने के लिए ज़िला प्रशासन ने स्कूल प्रबंधन से चर्चा कर बच्चों को प्रदर्शनी में पहुँचाने की व्यवस्था के लिए कहा है। दो दिनों में विभिन्न स्कूलों के लिए समय निर्धारित किया गया है। इसके साथ ही रेलवे स्टेशन और अन्य स्थानों से प्रदर्शनी तक पहुँचने के लिए निःशुल्क सेवा भी दी जाएगी।
कलेक्टर डॉ. गौरव सिंह ने बताया कि 7 से 8 हज़ार की जनसंख्या के लिए इंतज़ाम किया गया है। उन्होंने बताया कि वायु सेना में बड़ी भर्ती की स्वीकृति भी मिल चुकी है, और इस कार्यक्रम का उद्देश्य भी यही है कि भारतीय सेना की शक्ति और क्षमताओं का प्रदर्शन कर लोगों तक पहुँचाया जाए ताकि आने वाले समय में छत्तीसगढ़ से अधिक से अधिक जवान सेना में शामिल हों।