बता दें कि आदर्श विद्यालय की स्वर्ण जयंती पर आयोजित यह विशेष कार्यक्रम दो सत्रों में विभाजित था। सुबह 10 बजे आयोजित पहले सत्र “मिलाप” में 1986 से 2023 तक के पूर्व छात्रों का पुनर्मिलन हुआ। इस दौरान छात्रों ने अपने गुरुओं के प्रति सम्मान प्रकट किया और छात्र जीवन की यादें साझा कीं।
द्वितीय सत्र: “स्वर्णिमा” महोत्सव का शुभारंभ
द्वितीय सत्र शाम 5:00 बजे “स्वर्णिमा” महोत्सव का आरंभ मां सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन और सुमधुर सरस्वती वंदना के साथ हुआ। महोत्सव के मुख्य अतिथि गिरीश चंदेल (चांसलर, इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय) और विशिष्ट अतिथि डॉ. विजय खंडेलवाल (जिला शिक्षा अधिकारी, रायपुर) रहे। रायपुर केरला समाजम् के वरिष्ठ अधिकारियों समेत अन्य विशेष अतिथियों का पुष्पगुच्छ देकर सम्मान संस्था की प्राचार्या सुमन शानबाग और उनकी टीम ने किया।
“आदर्शिका” स्मारिका का विमोचन और छात्रों का सम्मान
समारोह के दौरान विद्यालय के 50 वर्षों की उपलब्धियों, स्मृतियों, और शैक्षिक योगदान को दर्शाती स्मारिका “आदर्शिका” का विमोचन किया गया। इसके बाद कक्षा 10वीं और 12वीं में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले छात्रों को उनके माता-पिता की उपस्थिति में प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया। खेलकूद और अन्य सह-शैक्षणिक गतिविधियों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले छात्रों को भी विशेष रूप से सम्मानित किया गया।
मुख्य अतिथि गिरीश चंदेल ने अपने उद्बोधन में विद्यालय की शिक्षा और संस्कार की परंपरा की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि आदर्श विद्यालय ने 50 वर्षों तक अपनी श्रेष्ठ पहचान बनाए रखी है। विशिष्ट अतिथि डॉ. विजय खंडेलवाल ने शिक्षकों के योगदान की सराहना की और कहा कि आधुनिक और पारंपरिक शिक्षण पद्धतियों का संयोजन विद्यालय की सफलता का मुख्य आधार है। रायपुर केरला समाजम् के अध्यक्ष विनोद पिल्लई ने विद्यालय की सफलता का श्रेय संस्थापक सदस्यों, शिक्षकों, छात्रों और अभिभावकों को दिया।
सांस्कृतिक कार्यक्रम रहे आकर्षण
विद्यालय की प्राचार्या सुमन शानबाग ने वार्षिक प्रतिवेदन प्रस्तुत किया, जिसमें विद्यालय की शैक्षिक, सांस्कृतिक और खेल उपलब्धियों का उल्लेख किया गया। इसके बाद सांस्कृतिक कार्यक्रम की शुरुआत हुई।
– “गोल्डन जुबली जर्नी स्किट” ने 1974 से 2024 तक की विद्यालय यात्रा को जीवंत किया।
– “मी एंड मॉम” में नर्सरी के बच्चों ने माता-पिता के प्रेम और त्याग को प्रस्तुत किया।
– “रिदम ऑफ़ केरला” और “भारत दर्शन” जैसे कार्यक्रमों ने भारतीय संस्कृति और विविधता को शानदार तरीके से प्रदर्शित किया।
– “गणेश वंदना” और “शिव स्तुति” ने पारंपरिक भारतीय नृत्य और संगीत की झलक पेश की।
– “वुमेन एम्पावरमेंट” ने नारी सशक्तिकरण का संदेश दिया, जबकि कक्षा 12वीं के छात्रों के जोशीले “भांगड़ा” नृत्य ने दर्शकों का दिल जीत लिया।
गौरतलब है कि प्रथम सत्र में धन्यवाद ज्ञापन मिनी फिलिप ने किया, जबकि पूरे महोत्सव का समापन संस्था के उपप्राचार्य के.के. उन्नीकृष्णन नायर के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ।