बता दें कि हत्या के आरोप में पुलिस ने 166 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था, जिसमें 33 महिला सहित 69 लोगो को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था. वहीं हत्या के शक में बंद विचाराधीन कैदी प्रशांत साहू की जेल में मौत हो गई थी. रेंगाखार थाने में इन सभी के खिलाफ अलग-अलग कुल पांच मामले पर एफआईआर दर्ज की गई थी, जिसमें ग्रामीणों ने आवेदन दी थी. 23 लोग निर्दोष हैं. उनको भी सलाखों के भीतर रखा गया, इस पर कबीरधाम पुलिस ने एसआईटी टीम गठित की थी, जिसमें इन 23 लोगो के खिलाफ पुलिस कोई सबूत नहीं जुटा पाई थी. इसके चलते इन लोगों के खिलाफ दर्ज चार एकआईआर को समाप्त कर दिए गए हैं. एक मामला दर्ज है, जिसमें पुलिस के साथ लोहारीडीह कांड में बदसलूकी और मारपीट का मामला अभी भी चल रहा है, लेकिन पुलिस साथ मारपीट, पथराव करने के आरोप में अभी भी मामला दर्ज है. इस मामले में अदालत ने 23 अरोपियों को कल देर शाम 84 दिन बाद जमानत दी है.
जानिए पूरा मामला
14 सितंबर की दरमियानी रात को शिव प्रसाद साहू उर्फ कचरू साहू की हत्या कर मध्यप्रदेश के बिरसा थाना क्षेत्र के गांव में हत्या कर शव को पेड़ में लटका दिए थे और अरोपियों ने जुर्म को छुपाने के लिए फांसी का रूप दे दिया था. इस मामले में मध्यप्रदेश पुलिस ने प्राथिमक जांच में आत्महत्या करार दे दिए थे. इसके बाद इस मामले में खूब राजनीति भी हुई. मृतक कचरू साहू की बेटी ने आरोप लगाई थी कि मेरे पिता ने आत्महत्या नहीं की है. उसको मार कर लटकाया गया है. इस आधार पर मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी, जिसमें दोबारा पीएम हुई. उसके बाद मध्यप्रदेश प्रदेश पुलिस ने घटना की बारीकी से जांच पड़ताल की तब जाकर स्पष्ठ हुआ कि कचरू साहू की हत्या हुई है. इस मामले में 4 आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भी भेज दिया है. वहीं आज कचरू साहू की 83 दिन बाद कब्र खोदकर लाश को निकाल रहे हैं, जिसमें मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ की संयुक्त टीम शमिल है.