नए साल में न्यायधानी के नए वार्डों को सौगातः पूरे शहर में अब होगी मैकेनाइज्ड और मैन्युअल सफाई, सर्वेक्षण में भी मिलेगा फायदा

अब तक नगर पालिक निगम के पुराने क्षेत्रों में छःसाल से मुख्य मार्गों,चौक चौराहे और मुहल्ले की सड़कें मशीनीकृत और मैन्युअल सफाई से साफ-सूथरी और चमकती हुई दिखाई देती थी. लेकिन नए जुड़े क्षेत्रों में अपेक्षाकृत सफाई वैसी नहीं हो पा रही थी जैसे पुराने क्षेत्रों में व्यवस्था थी. जनप्रतिनिधियों और नगर निगम के प्रयास से नगरीय प्रशासन विभाग द्वारा नए क्षेत्रों की भी सफाई व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए स्वीकृति प्रदान कर दी गई है. गौरतलब है की शहर में सितंबर 2018 से मैकेनाइज्ड और मैन्युअल स्विपिंग की शुरुआत की गई थी,जो दिन और रात दोनों समय में संचालित किया जाता है.सफाई का जिम्मा लायंस सर्विसेस संभाल रही है. निगम सीमा में 15 ग्राम पंचायत,2 नगर पंचायत और 1 नगर पालिका को शामिल किया गया था. परिसीमन के बाद नगर निगम के कुल 70 वार्ड बनाए गए थे।

449 नए आवासीय बीट, 45 व्यावसायिक बीट, 795 की नई टीम

नए क्षेत्रों में व्यवस्थित सफाई के लिए पूरे क्षेत्र के लिए 449 नए आवासीय बीट,45 व्यावसायिक बीट निर्धारित किए गए है,जिसके जरिए सफाई कार्य किए जाएंगे,इसके अलावा सभी मुख्य मार्गों जिसमें हाइवे भी शामिल है,कुल 11 किमी का मैकेनिकल सफाई किया जाएगा. जिसके लिए 795 कर्मियों की भर्ती कंपनी द्वारा की जाएगी. इसमें सफाईकर्मी,सुपरवाइजर,मशीन आपरेटर और ड्राइवर शामिल है. पुराने क्षेत्र को अभी 400 आवासीय और 75 व्यावसायिक बीट में बांटकर सफाई कार्य किया जा रहा हैं,जिसमें 775 कर्मी कार्यरत हैं. नए क्षेत्रों में इस व्यवस्था के तहत कार्य शुरु होने पर पूरे शहर में कुल 849 आवासीट बीट,120 व्यावसायिक बीट हो जाएंगे और 1565 सफाई कर्मी मिलकर पूरे शहर को स्वच्छ रखेंगे.

डुलेवा मशीन 1 से बढ़कर 2 हो जाएगी,वाटर जेटिंग मशीन 3 होगी

मैन्युअल और मैकेनाइज्ड स्विपिंग के तहत नई अत्याधुनिक मशीनों की संख्या में भी इजाफा किया जाएगा. अब तक 1 डुलेवा मशीन,जिससे सड़क किनारे,फूटपाथ,और डिवाइडर की सफाई की जा रही थी उसकी संख्या बढ़कर 2 हो जाएगी. इसी तरह चौक चौराहों,मूर्तियों,और फूटपाथ की वाशिंग करने वाली वाटर जेटिंग मशीन 1 से बढ़कर 3 होगी. इसी तरह बश कटर,टिपर,ट्रैक्टर इमरजेंसी रिस्पांस वाहनों की संख्या में भी इजाफा होगा.

आपरेशन एंड कमांड कंट्रोल सेंटर

जीआईएस बेस्ड मैन्युअल और मैकेनाइज्ड स्विपिंग के तहत सफाई कार्य के सफल संचालन और निगरानी के लिए विकास भवन के तृतीय तल में आपरेशन एंड कमांड,कंट्रोल सेंटर संचालित हैं जहां से शहर की सफाई व्यवस्था पर नजर रखी जाती हैं. छः साल पहले जब शहर में मैकेनाइज्ड और मैन्युअल सफाई व्यवस्था की शुरुआत की गई थी,उस समय कंट्रोल सेंटर को तैयार किया गया था,तत्कालीन समय बिलासपुर पूरे राज्य का पहला शहर था जहां सफाई के लिए कमांड एंड कंट्रोल सेंटर स्थापित किया गया था,जिसका फायदा भी शहर को मिला. कमांड सेंटर का संचालन लायंस सर्विसेस द्वारा ही किया जाता है. नए क्षेत्रों में सफाई व्यवस्था की निगरानी भी इसी सेंटर से की जाएगी.

सर्वेक्षण में मिलेगा फायदा

नई व्यवस्था शुरु होने से हर साल होने वाले स्वच्छ सर्वेक्षण में भी इसके लाभ मिलने की उम्मीद है. निगम सीमा में ग्राम पंचायतों के जुड़ने के बाद सफाई की कोई समुचित व्यवस्था नहीं होने से नगर निगम को मिलने वाले अंक कट जाते थे,जिसका असर रैंकिंग में पड़ता था पर अब सफाई व्यवस्था शुरु होने से अगले सर्वेक्षण में अच्छी रैंकिंग की उम्मीद की जा सकती हैं.

बिलासपुर के विकास में कमी नहीं होगी- तोखन साहू

केंद्रीय आवासन एवं शहरी राज्य मंत्री और सांसद तोखन साहू ने कहा की बिलासपुर शहर की सफाई समेत सभी विकास कार्यों में किसी भी प्रकार की कोई कमी नहीं होने देंगे. स्वच्छता किसी भी शहर की पहचान होती है और इस दिशा में बिलासपुर को बेहतर बनाने लगातार प्रयास करेंगे,निगम सीमा के नए क्षेत्रों में सफाई की नई व्यवस्था से व्यवस्था सुदृढ़ होगी.

स्वच्छता बनेगी बिलासपुर की पहचान- अरुण साव

उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने कहा की निगम सीमा में नए वार्ड शामिल हो तो गए थे, लेकिन विकास कार्य और सुविधा नाम मात्र की थी,पिछले एक साल में नए क्षेत्रों के विकास में ध्यान दिया गया है. साफ-सफाई के कार्य व्यवस्थित और बेहतर हों इसके लिए नए क्षेत्रों को सौगात दी जा रही है, इससे सफाई व्यवस्था में सुधार आएगा और पूरे शहर में स्व्च्छता को एक मिशन बनाकर कार्य किया जाएगा, आने वाले दिनों में स्वच्छता बिलासपुर की पहचान बनेगी.

अच्छा कदम,बेहतर परिणाम मिलेंगे- अमर अग्रवाल

बिलासपुर विधायक अमर अग्रवाल ने कहा की मैकेनाइज्ड और मैन्युअल स्विपिंग का विस्तार नए 18 वार्डों में भी हो रहा है,यह एक सराहनीय और अच्छा कदम है. इससे नए क्षेत्रों में सफाई व्यवस्था बेहतर होगी. इस सफाई व्यवस्था को शहर में लागू करने का उदेश्य ही यही था की शहर की सफाई व्यवस्था को अत्याधुनिक तरीके से एक कदम उपर उठाना है,अब इसका लाभ नए क्षेत्रों को मिलेगा.

वंचित क्षेत्रों को मिलेगा लाभ-धरमलाल कौशिक

बिल्हा विधायक धरमलाल कौशिक ने कहा की मैन्युअल और मैकेनाइज्ड स्विपिंग होने से सिरगिट्टी, तिफरा समेत निगम के अन्य नए एरिया को इसका लाभ मिलेगा. नए और पुराने क्षेत्र में सुदृढ़ सफाई व्यवस्था से बिलासपुर की एक अलग पहचान बनेगी,गंदगी और संक्रामक बीमारियां भी कम होगी. बेहतर सफाई व्यवस्था क्षेत्र में रहें,इसके लिए सभी मिलकर प्रयास करेंगे.

नए क्षेत्रों की स्थिति सुधरेगी- धर्मजीत सिंह

तखतपुर विधायक धर्मजीत सिंह ने कहा सफाई की नई व्यवस्था का शुरु होना अत्यंत आवश्यक था, नए क्षेत्रों की स्थिति में सुधार आएगी. निगम सीमा में शामिल हुए कई साल हो चुकें थे लेकिन इसका लाभ नहीं मिल पा रहा था,अब स्वच्छता समेत सभी सेक्टर में नए क्षेत्रों को लाभ मिलने लगा है.

नए क्षेत्र अब विकास की मुख्य धारा में- सुशांत शुक्ला

नगर निगम सीमा में शामिल नए क्षेत्रों में सबसे अधिक वार्ड और क्षेत्र बेलतरा विधानसभा के हैं. इन क्षेत्रों को पूर्ववर्ती सरकार द्वारा बिना किसी योजना के शामिल तो कर लिया गया था,पर विकास और सुविधा में ध्यान नहीं दिया गया था. मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और उप मुख्यमंत्री अरुण साव के नेतृत्व में नए क्षेत्रों में विकास कार्य गतिमान है. मैन्युअल और मैकेनाइज्ड स्विपिंग की हमारी मांग पूरी होने जा रही है, इसका लाभ सभी नए क्षेत्र के रहवासियों को मिलेगा,इसके लिए मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री का आभार.

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