देवेंद्र फडणवीस होंगे महाराष्ट्र के नए मुख्यमंत्री

मुंबई।    इस वक्त की बड़ी खबर महाराष्ट्र की राजनीति से निकलकर सामने आई है। देवेंद्र फडणवीस महाराष्ट्र के नए मुख्यमंत्री होंगे। BJP कोर कमेटी की बैठक में देवेंद्र फडणवीस के नाम पर मुहर लग गई है। इसका ऐलान बैठक खत्म होने के बाद थोड़ी में होगा। खबर है कि फडणवीस आज ही सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे। वह कल सीएम पद की शपथ लेंगे।

बीजेपी कोर कमेटी में तय हुआ कि देवेंद्र फडणवीस के नाम का प्रस्ताव विधायकों की बैठक में लाया जाएगा। सुधीर मुनगंटीवार और चंद्रकांत पाटील ये दोनों देवेंद्र फडणवीस के नाम का प्रस्ताव रखा.

साथ ही मुंबई में बीजेपी विधायक दल की बैठक हुई। बैठक में सर्वसम्मति से फडणवीस को बीजेपी विधायक दल का नेता चुन लिया गया। इसी के साथ ही उनके सीएम बनने पर मुहर लग गई।

दोपहर 3.30 बजे राज्यपाल को सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे

बीजेपी अपने सहयोगी दलों के प्रमुख नेताओं के साथ उनके समर्थन पत्र लेकर 3.30 बजे राज्यपाल के पास जाएगी। इसमें महायुति के नेता भी होंगे। राज्यपाल से मिलकर बीजेपी सरकार बनाने का दावा पेश करेगी। सीएम फेस चुनने के लिए भारतीय जनता पार्टी ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और गुजरात के पूर्व सीएम विजय रूपाणी को महाराष्ट्र विधायक दल की बैठक के लिए पर्यवेक्षक बनाया है।

शपथ ग्रहण समारोह की तैयारियां तेज

5 दिसंबर को होने वाले शपथ ग्रहण समारोह की तैयारियां जोर-शोर से जारी हैं। महाराष्ट्र बीजेपी अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले समारोह की तैयारियों की निगरानी कर रहे हैं। सोमवार को वो दक्षिण मुंबई स्थित समारोह स्थल भी पहुंचे थे। उन्होंने कहा था, पीएम मोदी इस कार्यक्रम में शामिल होंगे। सूत्रों का कहना है कि इस शपथ ग्रहण समारोह में एनडीए शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों और उपमुख्यमंत्रियों को भी निमंत्रण भेजा गया है। कई केंद्रीय मंत्री और बीजेपी के अन्य बड़े नेता भी कार्यक्रम में शामिल हो सकते हैं।

फडणवीस के समर्थन में लगे कविता लिखे पोस्टर

महाराष्ट्र में सीएम के ऐलान से पहले नागपुर में देवेंद्र फडणवीस के समर्थन में पोस्टर लगाए गए हैं. इस पोस्टर में कविता लिखी गई है, जिसका टाइटल है ‘वापस आना पड़ता है’.

पत्थर की बंदिश से भी क्या बहती नदियां रुकती हैं,
हालातों की धमकी से क्या अपनी नजरें झुकती हैं,
किस्मत से हर पन्ने पर किस्मत लिखवाना पड़ता है,
जिसमें मशाल सा जज्बा हो वो दीप जलाना पड़ता है,
वापस आना पड़ता है, फिर वापस आना पड़ता है.

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