गरियाबंद। छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले के ग्रामीण क्षेत्रो में सुरक्षित प्रसव को लेकर गर्भवती महिलाओं का अस्पतालों पर विश्वास सुदृढ़ होता नजर आरहा है. बीते 24 घंटों में 2 अलग-अलग असपतालों में कुल 9 नवजातों को सुरक्षित प्रसव कराया गया है. देवभोग अस्पताल ने सुरक्षित संस्थागत प्रसव का एक और उदाहरण पेश किया है. शुक्रवार को 24 घंटे के भीतर अस्पताल में 5 नवजातों ने जन्म लिया, जिससे अस्पताल का परिसर खुशियों से गूंज उठा. इनमें से दो बच्चे जुड़वा हैं. बता दें, तीन महीने पहले भी यहां 16 घंटे में 6 नवजातों की किलकारी गूंजी थी.
टीम वर्क से संभव हुआ सुरक्षित प्रसव
बीएमओ डॉक्टर प्रकाश साहू ने बताया कि जिला चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर गार्गी यदु के मार्गदर्शन में संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही हैं. नियमित मॉनिटरिंग और स्वास्थ्य टीम की कड़ी मेहनत से दूरस्थ इलाकों में भी सुरक्षित प्रसव सफल हो पा रहे हैं. इन 5 बच्चों के प्रसव की उपलब्धि में ड्यूटी डॉक्टर रोशन कंचन, नर्स गायत्री, बबीता, समारिन और अनीता साहू का विशेष योगदान रहा.
सरकार की नीतियों का असर
सीएमएचओ डॉक्टर गार्गी यदु ने कहा, “स्वास्थ्य मंत्री डॉ. श्याम बिहारी जायसवाल ने हाई रिस्क प्रेगनेंसी को चिन्हांकित करने की जो नीति बनाई है उससे जच्चा बच्चा सुरक्षित हो रहा है. मैदानी स्वास्थ्य अमला गर्भधारण से लेकर प्रसव तक की पूरी प्रक्रिया में महिलाओं के साथ रहता है. टीम वर्क और नियमित निगरानी के कारण ही यह सफलता संभव हो रही है.”
खड़मा पीएचसी ने भी रचा इतिहास
वहीं छुरा ब्लॉक के जनजातीय क्षेत्र खड़मा में भी सुरक्षित प्रसव की सफलता का नया अध्याय जुड़ा है. यहां प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में 20 घंटे के भीतर 4 सुरक्षित प्रसव कराए गए. यह पहली बार है जब इतने कम समय में इस ग्रामीण क्षेत्र में इतनी बड़ी उपलब्धि हासिल हुई है. इस ग्रामीण इलाके में सुरक्षित प्रसव को लेकर विभाग ने कई खामियों को दूर कराया और विशेष अभियान चलाया, जिसके बाद अब जा कर इसके परिणाम नजर आ रहे हैं.