बोरिद खदान राजधानी के राजनीतिक रसूख वाले रेत माफिया संचालन कर रहे थे. टीम की आने की भनक लगी तो ठेकदार अपने पार्टनर के साथ खदान पर पहुंचकर चेन माउंटेन को दूर झाड़ियों में छिपा दिया था. यह नहीं कार्रवाई के दौरान माफिया रौब दिखाते रहे, यहां तक मौके पर मौजूद मीडिया कर्मियों को भी देख लेने की धमकी देते रहे. लेकिन खनिज अमले ने टॉर्च की रोशनी में दोनों खदान में छिपाए चेन माउंटेन को ढूंढकर सील कर दिया. इसके साथ ही अवैध परिवहन में लगे तीन हाइवा को भी जब्त किया.
परसदा जोशी की तरह हो कार्रवाई
बताया जा रहा है कि पिछले 15 दिनों में माफिया ने दोनों खदान से 8 हजार से भी ज्यादा घन मीटर रेत की चोरी कर सरकार को लाखों रुपए का चूना लगा दिया है. लोगों को मानना है कि जिस तरह परसाद जोशी में अवैध खनन की माप कर 80 हजार घन मीटर की चोरी की एवज में जिम्मेदारों से 4 करोड़ की वसूली की जा रही है, वैसी ही कार्रवाई इन खदानों में हो. मौन सहमति देने वाले पंचायत और खनन माफियाओं पर पेनाल्टी ठोका गया तो खनन माफियाओं का हौसला पस्त हो जाएगा.
सत्ता बदली पर माफिया वही
बोरिद के खदान में कार्यवाही के दरम्यान अपनी ऊंची पहुंच का धौंस दिखा रहे दोनों माफिया राजधानी के हैं, जो पिछले पांच साल से इलाके के खदानों को लीज में ले रहे हैं. बताया जाता है कि सत्ता किसी की भी हो ये माफिया जिले में दखल रखने वाले राजनेताओं को मोटी रकम कमीशन के तौर पर देकर सेट कर लेते है, फिर उन्हीं का धौंस देकर प्रशासन से सीना जोरी, अफसरों को धमकी और मीडिया कर्मियों को भी देख लेने की धमकी देते हैं.