शिक्षकों का कहना है कि वेतन विसंगति को दूर करने की बात मोदी गारंटी में वर्तमान सरकार ने खुद अपने संकल्प पत्र में लिखा है। ऐसे में अपनी इन्ही मांगो को लेकर प्रदेश के शिक्षक 24 अक्टूबर को राज्य के सभी जिला मुख्यालयों में बड़ा धरना प्रदर्शन करने जा रहे है। संविलियन आंदोलन के बाद यह पहला आंदोलन होगा जिसमें सभी प्रमुख शिक्षक संगठन एक साथ एक मंच पर आकर शिक्षक संघर्ष मोर्चा बनाकर आंदोलन कर रहे हैं। छत्तीसगढ़ शिक्षक संघर्ष मोर्चा के प्रांत संचालक वीरेंद्र दुबे, संजय शर्मा, मनीष मिश्रा और विकास राजपूत के नेतृत्व में इसे पूर्व सेवा गणना मिशन का नाम देते हुए 24 अक्टूबर को प्रदेश के हर जिले में जिलास्तरीय धरना प्रदर्शन कर रैली निकाली जायेगी।
छत्तीसगढ़ शिक्षक संघर्ष मोर्चा के प्रांत संचालक वीरेंद्र दुबे ने कहा कि डॉ रमन सिंह सरकार द्वारा किये गए संविलियन से हम कृतज्ञ हैं, जिन्होंने हमे शासकीय शिक्षक बनने का गौरव दिया, परन्तु संविलियन वर्ष के पूर्व की सेवा अवधि को शून्य मान लेने से हमारी वर्षो की सेवा के लाभ से हमे वंचित होना पड़ रहा है। पूर्व सेवा गणना नहीं होने से क्रमोन्नति, पुरानी पेंशन के पूर्ण पेंशन से भी वंचित हो रहे है। समयमान वेतनमान के आधार पर वेतन निर्धारण न होने बड़ी वेतन विसंगति आ गई है। मोदी की गारंटी में सहायक शिक्षकों के वेतन विसंगति को दूर करने का वादा भी किया गया है जिसे पूर्ण करने की मांग की जा रही है।
प्रदेश उपसंचालक धर्मेश शर्मा, चन्द्रशेखर तिवारी और जितेंद्र शर्मा ने बताया कि प्रदेश के शिक्षकों ने शिक्षक संघर्ष मोर्चा के नेतृत्व पर भरोसा जताते हुए 24 अक्टूबर को सामूहिक अवकाश लेकर प्रांतव्यापी जिलास्तरीय धरना प्रदर्शन में सम्मलित होने जा रहे हैं। इसके लिए समस्त जिलों में तैयारियां कर ली गई है। यह संविलियन आंदोलन के बाद पहला बड़ा प्रदर्शन होगा जिसमें एल बी संवर्ग के सभी सहायक शिक्षक, विज्ञान सहायक, प्रधानपाठक (प्राथमिक/माध्यमिक), संकुल समन्वयक,शिक्षक, लाइब्रेरियन, व्याख्याता, प्रभारी प्राचार्य सम्मलित हो रहे हैं। प्रदेश के शिक्षक अपनी लड़ाई स्वयं लड़ रहे हैं शिक्षक मोर्चा के नेतृत्व में यह वही नेतृत्व है जिसने संविदा शिक्षक से शासकीय शिक्षक बनने तक का संघर्ष किया है। 500 रुपये की तनख्वाह से सातवे वेतनमान दिलाने तक संघर्ष किया है। यह वही नेतृत्व है जिसने बिना विभाग के कर्मचारी होने के तमगा से शासकीय शिक्षक के गौरव प्राप्त करने का अवसर दिया है,आगे भी इसी के नेतृत्व में हमारी मांगे पूर्ण होगी।
छत्तीसगढ़ शिक्षक संघर्ष मोर्चा की 5 सूत्री मांगें
– मोदी की गारंटी के तहत सहायक शिक्षकों के वेतन विसंगति को दूर कर सभी एलबी संवर्ग को क्रमोन्नत वेतनमान प्रदान किया जाए.
– पुनरीक्षित वेतनमान में सही वेतन का निर्धारण कर 1.86 के गुणांक पर वेतन का निर्धारण किया जाए.
– पूर्व सेवा अवधि की गणना करते हुए सभी शिक्षक को पुरानी पेंशन को निर्धारित करते हुए भारत सरकार द्वारा 2 सितंबर 2008 के जारी आदेश के समान 33 वर्ष में पूर्ण पेंशन के स्थान पर 20 वर्ष में पूर्ण पेंशन का प्रावधान किया जाए.
– उच्च न्यायालय बिलासपुर द्वारा डबल बैच द्वारा पारित निर्णय के तहत सभी पात्र शिक्षकों के लिए क्रमोन्नति समयमान का विभागीय आदेश जारी किया जाए.
– शिक्षक और कर्मचारियों को केंद्र के समान 1 जुलाई 2024 से 3% महंगाई भत्ता दिया जाए. जुलाई 2019 से देयतिथि पर महंगाई भत्ते के एरियर राशि का समायोजन जीपीएफ और सीजीपीएफ खाता में किया जाए.
छत्तीसगढ़ शिक्षक मोर्चा के पदाधिकारी सुनील सिंह, विष्णु शर्मा, डॉ सांत्वना ठाकुर, सत्येंद्र सिंह, विवेक शर्मा, गजराज सिंह, राजेश शर्मा, शैलेन्द्र सिंह, प्रह्लाद जैन, सन्तोष मिश्रा, सन्तोष शुक्ला, शिवेंद्र चंद्रवंशी, दीपक वेंताल, यादवेंद्र दुबे, सर्वजीत पाठक, मंटू खैरवार, पवन दुबे, भोजराम पटेल, विनय सिंह, उपेन्द्र सिंह, विजय जाटवर, आशुतोष सिंह, भानु डहरिया, करनैल सिंह, सरवर हुसैन, रवि मिश्रा, जितेंद्र गजेंद्र, कैलाश रामटेके, अजय वर्मा, कृष्णराज पांडेय, घनश्याम पटेल, बुध्दहेश्वर शर्मा, प्रदीप पांडेय, राजेश यादव, देवव्रत शर्मा, दिनेश पांडेय, अब्दुल आसिफ खान, अमित सिन्हा, विक्रम राजपूत, सुशील शर्मा, विजय बेलचंदन, अशोक देशमुख, तिलक सेन, शशि कठोलिया आदि पदाधिकारियो ने प्रदेश के सभी शिक्षकों से अपील की है कि आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाएं और सरकार से उपरोक्त मांगो पर जल्द से जल्द निर्णय लेने की मांग की है।