दुर्ग। भिलाई के सेक्टर 7 में होने वाली मसीही समाज की चंगाई सभा को जिला प्रशासन के बाद अब हाईकोर्ट ने भी अनुमति नहीं दी है. इस सभा के विरोध में छत्तीसगढ़ बजरंग दल ने पहले कलेक्टर फिर हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी. अब छत्तीसगढ़ मसीही समाज ने इस चंगाई सभा को स्थगित करते हुए आने वाले नवंबर माह में करने की योजना बनाई है. वहीं बजरंग दल के नेताओं का कहना है इस सभा के स्थगन के विरोध के बाद बजरंग दल के पदाधिकारी को धमकियां मिल रही है, लेकिन इन धमकियों से वे डरने वाले नहीं है. धर्म परिवर्तन करने वाले ऐसे सभाओं का वह विरोध करते रहेंगे.
दुर्ग जिले के महीसी समुदाय द्वारा भिलाई में 23 और 24 अक्टूबर पंजाब के पास्टर बाजिंदर सिंह की चंगाई सभा का आयोजन किया गया था, लेकिन अनुमति मिलने के पहले ही छत्तीसगढ़ बजरंग दल सहित सिख समाज ने इसका जमकर विरोध किया था. सिख समाज दुर्ग एवं भिलाई के लोगों ने धर्म परिवर्तन की शंका जाहिर कर कार्यक्रम को अनुमति नहीं देने की मा्ंग की थी. इसके बाद यह मामला काफी तुल पकड़ने लगा.
छत्तीसगढ़ बजरंग दल के प्रदेश अध्यक्ष रतन यादव एवं पदाधिकारियों ने पिछले दिनों कलेक्टोरेट में जमकर प्रदर्शन कर कलेक्टर रिचा प्रकाश चौधरी को ज्ञापन सौंपा था. इन विरोध और आईआईटी भिलाई में होने वाले राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मु के आगमन की सुरक्षा व्यवस्था को कारण बताते हुए जिला प्रशासन ने आयोजकों को कार्यक्रम की अनुमति नहीं दी थी. इसके बाद आयोजक हाईकोर्ट की शरण में गए, लेकिन कल ही हाईकोर्ट ने जिला प्रशासन के निर्णय को सही बताया और कार्यक्रम को रद्द करने के आदेश दिए.
इस पूरे मामले में छत्तीसगढ़ बजरंग दल मातृशक्ति संयोजक ज्योति शर्मा और विभाग संयोजक रवि निगम का कहना है कि इस पास्टर पर पहले भी धर्मांतरण और छेड़खानी के मामले दर्ज हैं. ऐसे में भिलाई में चंगाई सभा कर ये लोग लोगों को प्रलोभन देकर धर्म परिवर्तन कराने की ताक में थे, लेकिन हम इनके मंसूबों को कामयाब नहीं होंने देंगे. आगे भी इस तरह के आयोजनों का विरोध जारी रहेगा.