सरगुजा। छत्तीसगढ़ के सीतापुर के बहुचर्चित आदिवासी युवक संदीप लकड़ा हत्याकांड मामले में सरगुजा पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है. युवक की हत्या दृश्यम फिल्म की स्टाइल में की गई थी. घटना के बाद से मुख्य आरोपी ठेकेदार अभिषेक पांडेय फरार था, जिसे आज सरेंडर करने कोर्ट पहुंचने पर पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया.
बता दें कि सीतापुर थाना क्षेत्र के ग्राम बेलजोरा में रहने वाले मृतक आदिवासी युवक संदीप लकड़ा तीन महीना से लापता था. परिजनों ने हत्या करने की आशंका जताते हुए थाने में शिकायत दर्ज की थी. वहीं आदिवासी समाज के विरोध प्रदर्शन के बाद मामला दर्ज किया गया था. विवेचना के दौरान पुलिस को पता चला कि संदीप लकड़ा के शव को मैनपाट के ग्राम लुरैना में पानी टंकी के नीचे दफनाया गया है. पुलिस ने पानी टंकी को ढहाकर 15 फीट नीचे से शव को बरामद किया था.
इस मामले में अब तक आठ आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है. वारदात के बाद से मुख्य आरोपी अभिषेक पांडेय फरार चल रहा था. उस पर आईजी ने 30 हजार व एसपी ने 10 हजार और सर्व आदिवासी समाज ने 5 लाख का इनाम घोषित किया था. आज मुख्य आरोपी अभिषेक सरेंडर करने कोर्ट पहुंचा था, जिसे पुलिस ने गिरफ्तार किया.
निरीक्षक, सब इंस्पेक्टर और एक आरक्षक को आईजी ने किया था निलंबित
इस मामले में पुलिस पर लीपापीतो का आरोप लगाने और आदिवासी समाज के लगातार प्रदर्शन के चलते आईजी सरगुजा ने निरीक्षक सहित सब इंस्पेक्टर और एक आरक्षक के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई कर चुके हैं. मुख्य आरोपी ठेकेदार की गिरफ्तारी की मांग को लेकर समाज का प्रदर्शन लगातार जारी था.
सरकार ने मृतक की पत्नी को दी है नौकरी
स्वास्थ्य मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल, पीड़ित परिवार और सर्व आदिवासी समाज के बीच वार्ता हुई थी. वार्ता में सीएम के प्रतिनिधि के रूप में स्वास्थ्य मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल शामिल हुए थे. इस दौरान स्वास्थ्य मंत्री ने मृतक के बच्चों की हायर सेकंडरी स्कूल तक निशुल्क पढ़ाई, संविदा के रूप में मृतक की पत्नी को नौकरी का नियुक्ति पत्र दिया था. साथ ही सीएम मद से 25 लाख का मुआवजा देने की घोषणा की थी. इसके बाद समाज ने आंदोलन खत्म कया था और 22 दिन बाद संदीप लकड़ा का अंतिम संस्कार हुआ था.