ध्वनि प्रदूषण को लेकर हाईकोर्ट में सुनवाई: चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा की बेंच ने राज्य सरकार को दिए कड़े निर्देश

बिलासपुर। ध्वनि प्रदूषण के मामले में स्वतः संज्ञान लेते हुए आज हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। कोर्ट ने राज्य सरकार को आदेश दिया कि पूरे राज्य में कानून और व्यवस्था की स्थिति की लगातार निगरानी सुनिश्चित की जाए ताकि आम नागरिक शांति से रह सकें। मामले की अगली सुनवाई 21 अक्टूबर को होगी।

बता दें कि आज सुनवाई के दौरान, चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा की बेंच ने बीते दिनों भिलाई में हुई एक गंभीर घटना का उल्लेख किया। जहां एक व्यक्ति ने तेज आवाज में डीजे बजाने के खिलाफ अनुरोध किया था, जिसे अनसुना कर दिया गया। इस स्थिति से दुखी होकर उसने आत्महत्या कर ली। चीफ जस्टिस ने कहा कि जितनी आवाज में स्पीकर्स और साउंड बॉक्स को बजाने की अनुमति है उतनी ही आवाज में डीजे को बजाने की अनुमति दें।

मामले की सुनवाई के दौरान बेंच ने नागरिकों के अधिकारों के प्रति जागरूकता पर टिप्पणी की और कर्तव्यों के प्रति जिम्मेदारी की कमी पर चिंता जताई। बेंच ने कहा कि यहां नागरिक अपने अधिकारों के प्रति तो जागरूक हैं मगर कर्तव्यों के लिए उनकी कोई जवाबदारी नहीं दिखाई देती। त्यौहार मनाने के नाम पर कुछ लोग नशा कर रहे हैं, अमर्यादित व्यवहार कर रहे हैं।

चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा की बेंच ने सुनवाई के दौरान कहा कि अगर तेज आवाज में डीजे बजेगा, तो छात्रों की पढ़ाई प्रभावित होगी और आत्महत्या जैसी घटनाएं भी हो सकती हैं। इस सबकी जिम्मेदारी कौन लेगा? सुनवाई के दौरान बिलासपुर एसपी ने शपथपत्र पेश किया और महाधिवक्ता ने कहा कि अनुमति योग्य आवाज में साउंड सिस्टम रखने के लिए सकारात्मक कदम उठाए जा रहे हैं।

Related Post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *