कवर्धा की घटना पर सियासत, पूर्व मुख्यंमत्री भूपेश बघेल ने कहा- गृह मंत्री के क्षेत्र में कानून-व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि कवर्धा में इससे पहले भी तीन लोगों को जलाकर मार दिया गया था. गृह मंत्री के क्षेत्र में कानून व्यवस्था नाम की चीज नहीं है. पुलिस के खिलाफ ग्रामीणों में आक्रोश दिख रहा है. पुलिस पर ग्रामीणों को भरोसा कम क्यों हो रहा है? कलेक्टर-एसपी कांफ्रेंस के बाद ऐसी घटनाएं घट रही है. सम्बंधित घटना की जांच गहराई से होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि अंधविश्वास को सरकार खुद बढ़ावा दे रही है, इसके लिए जिम्मेदार सरकार ही है. पहले सरकार के द्वारा अंधविश्वास निवारण शिविर लगाया जाता था.

मामले में उप मुख्यमंत्री और गृह मंत्री विजय शर्मा ने कहा कि एक युवक की हत्या के शक में आगजनी की घटना हुई है, जिसमें एक व्यक्ति की मौत हुई है. घटना कैसे हुई, यह जांच का विषय है. जांच के बाद घटना की वजह स्पष्ट हो जाएगी. पहले घटना स्थल पर पुलिस बल कम था, तो कुछ परेशानी हुई थी. उसके बाद पुलिस के साथ कुछ क्लेश हुआ, उस वक्त पुलिस अधीक्षक वहां स्वयं मौजूद थे. मौके पर पुलिस बल बढ़ाया गया है. अभी मामला नियंत्रण में है.

जांच के बाद दोषियों पर होगी कार्रवाई

गृहमंत्री ने कहा कि इस घटना को कैसे अंजाम दिया गया है, इसे लेकर कुछ कहना जल्दीबाजी होगा. जांच होने के बाद स्पष्ट हो जाएगा कि कौन जिम्मेदार है, और कैसे अंजाम दिया गया है. पुलिस की रोल निष्पक्ष होना चाहिए. मुस्तैदी से पुलिस वहां गांव को नियंत्रण में लिया है. लोगों से आग्रह है कि शांति बनाए रखें. पुलिस को कार्रवाई करने में मदद करें. उन्होंने कहा कि लोहारीडीह शांतिप्रिय गांव है. यहां एक बार नहीं सौ बार से भी ज्यादा गया हूं. घर-घर के लोगों से पहचान है.

गृह मंत्री घटनाओं पर रखे हैं नजर – श्याम बिहारी

वहीं स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कवर्धा की घटना पर कहा कि गृह मंत्री इन घटनाओं पर खुद नजर रखे हुए हैं. इस प्रकार की घटनाएं न हो, यह हमारी सरकार की प्रतिबद्धता है. एक-दो घटनाओं को छोड़ दें, तो प्रदेश में इस तरीके की घटनाएं नहीं होती है.

वहीं बस्तर में जादू-टोना के शक पर की गई परिवार के पांच सदस्यों की हत्या पर श्यामबिहारी जायसवाल ने कहा कि केवल सरकार और क़ानून के सहायता से ऐसी घटनाओं पर लगाम नहीं लगाया जा सकता है. जादू-टोने पर विश्वास करना चिंता करने का विषय है. इसके लिए जनजागरूकता की आवश्यकता है. स्वास्थ्य विभाग की पूरी कोशिश है कि सुदूर इलाकों तक सबको उपचार मिले, जिससे लोग अंधविश्वास का शिकार न हों. मुख्यमंत्री ऐसे मामलों में सख्त है.

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