बलरामपुर। प्रतापपुर और वाड्रफनगर को मिलाकर एक नए जिले बनाने की मांग उठ रही है. इस संबंध में वाड्रफनगर के जनपद पंचायत सभागार में जिला बनाओ संघर्ष समिति की बैठक हुई, जिसमें नए जिले का नाम उत्तर सरगुजा रखने का प्रस्ताव रखा गया. इसके साथ ही जिला मुख्यालय का निर्माण अम्बिकापुर-वाड्रफनगर मुख्य मार्ग के समीप स्थापित किए जाने पर सहमति जताई.
बैठक के दौरान चर्चा आई कि सरगुजा जिले से पृथक हो कर बने दो नए जिला बलरामपुर और सूरजपुर 2012 से अस्तित्व में आए हैं. जिसमें उपेक्षा के शिकार वाड्रफनगर और प्रतापपुर दोनों तहसील मुख्यालय हुए हैं. अगर सूरजपुर की बात करे तो प्रतापपुर विधानसभा क्षेत्र का आधा हिस्सा वाड्रफनगर हैं, जो बलरामपुर जिले में आता हैं. इस कारण सूरजपुर जिले में उपेक्षित रवैया जिला प्रशासन का हमेशा रहा है. इसी तरह वाड्रफनगर वासियों के लिए बलरामपुर जिला मुख्यालय में आना-जाना काफी लंबा होता, जहां किसी प्रकार की कोई बस या ट्रेन सेवा अब तक शुरू नहीं हो पाई है.
जिला बनाओ संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने तमाम और सुविधाओं को देखते हुए नए जिला बनाने की मांग राज्यपाल और मुख्यमंत्री के पास पत्र के माध्यम से रखने की बात कही है. बैठक में यह भी बात कही कि जब तक जिला का निर्माण नहीं हो जाता, तब तक समिति गांधीवादी विचारधारा से आंदोलन करती रहेगी. समिति के पदाधिकारियों ने बताया कि जिला बनने हेतु जो भी अहर्ताएं जरूरी होती हैं, वह सभी पहलू वाड्रफनगर व प्रतापपुर को मिलाकर पूर्ण हो जाती है, इसलिए नए जिले का निर्माण उत्तर सरगुजा के नाम से किया जाए.
इस बैठक में प्रतापपुर से एडवोकेट गिरीश पटेल, लाल संतोष सिंह, नवीन जायसवाल, गोपाल कश्यप, हरिहर यादव, जयप्रकाश जायसवाल, पुरंजय मिश्रा, धीरेंद्र द्विवेदी, राजू सिंह उइके, रामदेव जगते, अनिल कुशवाहा, सीताराम कुशवाहा, अमित खाखा, नंदू कुशवाहा, राजेन्द्र जायसवाल, लालती सिंह, भगवान दास केसरी, राजकिशोर शुक्ला, अब्दुल रशीद, दिनेश आयाम, राकेश कनौजिया, सुदीप उपाध्याय, नंदलाल श्यामले, दीपक यादव, देवनारायण मरावी सहित सभी समाज के प्रमुख जन उपस्थित रहे.