इस जिले में सीएमएचओ पद को लेकर रस्साकशी, अधीनस्थों में असमंजस, जानिए क्या है मामला…

नारायणपुर। नारायणपुर जिले के चिकित्सा विभाग में नेतृत्व को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO) के पद को लेकर रस्साकशी चल रही है, जिससे जिले की स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हो रही हैं। दरअसल, जिले में पहले से पदस्थ डॉ. तुकाराम कुंवर को हटाकर छत्तीसगढ़ शासन ने 16 अगस्त 2024 को डॉ. श्याम शंकर राज को प्रभारी CMHO नियुक्त किया। परंतु, डॉ. तुकाराम कुंवर ने उच्च न्यायालय से स्टे ऑर्डर प्राप्त कर पुनः नारायणपुर में अपनी सेवाएं शुरू कर दी। अब, जिले के अधिकारी और कर्मचारी असमंजस में हैं कि वे किस अधिकारी के निर्देशों का पालन करें, क्योंकि दोनों अधिकारी खुद को सीएमएचओ के रूप में स्थापित करने का प्रयास कर रहे हैं।

वहीं, डॉ. श्याम शंकर राज ने 21 अगस्त को कार्यभार संभालने का दावा किया और स्वास्थ्य सेवाओं के संचालक को इसकी जानकारी दी। उन्होंने उल्लेख किया कि उनके स्थानांतरण का आदेश राष्ट्रीय लोक अदालत के निर्णय के अनुसार वैध है, जबकि डॉ. तुकाराम कुंवर ने 5 सितंबर को उच्च न्यायालय से स्टे ऑर्डर के आधार पर अपना स्थानांतरण निरस्त होने का दावा किया।

बेबी केयर किट विवाद

इस विवाद के बीच, जिले में बेबी केयर किट सप्लाई का मामला भी चर्चा का विषय बना हुआ है। सीएमएचओ कार्यालय की ओर से 5 हजार बेबी केयर किट्स की खरीद का ठेका एक करोड़ रुपये से अधिक की लागत से किया जाना है। आरोप है कि इस सप्लाई का ठेका CMHO अपने करीबी व्यक्ति को दिलवाना चाहते थे। यह मामला मंत्री स्तर तक पहुंच चुका है और कयास लगाए जा रहे हैं कि यह विवाद सीएमएचओ के पद को लेकर चल रही रस्साकशी का एक मुख्य कारण हो सकता है।

किट खरीदी पर सवाल

कुछ सप्लायरों का कहना है कि जिले के शासकीय अस्पतालों में सालभर में 5 हजार बच्चों का जन्म नहीं होता और किट में शामिल कॉस्मेटिक सामानों की एक्सपायरी डेट भी एक वर्ष से अधिक नहीं होती। ऐसे में, इतनी बड़ी मात्रा में किट की खरीद पर सवाल उठ रहे हैं और इसे सरकारी धन के दुरुपयोग की आशंका से जोड़ा जा रहा है। हालांकि टेंडर जारी हो चुका है, लेकिन सप्लाई किसे सौंपी जाएगी, यह अभी स्पष्ट नहीं है। स्वास्थ्य विभाग के इस नेतृत्व संकट और बेबी केयर किट विवाद ने नारायणपुर जिले में विभागीय कार्यो को बुरी तरह प्रभावित किया है। स्थिति को स्पष्ट करने के लिए शासन प्रशासन को जल्द से जल्द कदम उठाने की जरूरत है ताकि विभागीय कार्य सुचारू रूप से संचालित हो सके।

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