IOA अध्यक्ष पीटी उषा ने इस बात पर प्रकाश डाला कि श्रीजेश का चयन एक भावनात्मक और लोकप्रिय निर्णय था, जो दो दशकों से अधिक के करियर में भारतीय हॉकी और खेल के लिए उनकी उत्कृष्ट सेवा को दर्शाता है.
जबकि ओलंपिक रजत पदक विजेता नीरज चोपड़ा पर भी इस भूमिका के लिए विचार किया गया था, पूर्व भारतीय एथलीट ने खुलासा किया कि यह नीरज ही थे जिन्होंने देश के लिए उनके महत्वपूर्ण योगदान को मान्यता देते हुए सह-ध्वजवाहक सम्मान के लिए श्रीजेश की सिफारिश की थी.
उन्होंने कहा, “मैंने नीरज चोपड़ा से बात की और जिस सहजता और शालीनता के साथ उन्होंने सहमति जताई कि समापन समारोह में श्रीजेश ध्वजवाहक होने चाहिए, उसकी मैं सराहना करती हूं.”
“उन्होंने मुझसे कहा ‘मैडम, अगर आपने मुझसे नहीं पूछा होता, तो भी मैं श्री भाई का नाम सुझाता.’ यह श्रीजेश और भारतीय खेल में उनके योगदान के लिए नीरज के मन में अपार सम्मान को दर्शाता है.”
चार ओलंपिक खेलों के अनुभवी 36 वर्षीय पीआर श्रीजेश ने पेरिस में भारत के कांस्य पदक में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के बाद अंतरराष्ट्रीय हॉकी से संन्यास ले लिया. श्रीजेश भारतीय हॉकी टीम के भी प्रमुख सदस्य थे, जिसने टोक्यो में 2020 ओलंपिक में कांस्य पदक जीता था.
इस सम्मान में श्रीजेश के साथ 23 वर्षीय पिस्टल शूटर मनु भाकर भी शामिल हैं, जिन्होंने पेरिस 2024 में दो पदक जीतकर इतिहास रच दिया, पीवी सिंधु के बाद ओलंपिक में यह उपलब्धि हासिल करने वाली दूसरी भारतीय महिला बन गईं. पहलवान बजरंग पुनिया को तीन साल पहले टोक्यो ओलंपिक के समापन समारोह के दौरान भारत का झंडा उठाने का सम्मान मिला था.
भारत ने मौजूदा ओलंपिक में अब तक पांच पदक जीते हैं, और शुक्रवार को अमन सेहरावत पुरुषों की फ्रीस्टाइल 57 किग्रा स्पर्धा में कांस्य पदक के लिए होने वाले मैच में हिस्सा लेंगे, जिससे भारत अपने पदकों की संख्या में एक और कांस्य जोड़ सकता है.