बलौदाबाजार हिंसा को लेकर कांग्रेस की जांच समिति ने सरकार पर लगाए बड़े आरोप

रायपुर। बलौदाबाजार हिंसा को लेकर कांग्रेस की जांच समिति ने सरकार पर बड़े आरोप लगाए हैं। समिति के संयोजक शिव डहरिया ने कहा कि, आंदोलन को भड़काने का काम बाहर के लोगों ने किया। नागपुर से आकर लोग सरकारी गेस्ट हाउस में रुक रहे थे, लेकिन सरकार ने कोई ध्यान नहीं दिया।

रविवार को रायपुर में कांग्रेस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कई सवाल खड़े किए। डहरिया ने कहा कि, आंदोलन में भाजपा, बजरंग दल और विहिप के कार्यकर्ता थे। चेहरे पर कपड़े बांधकर आंदोलन को बिगाड़ने का काम किया गया। जो लोग बाहर से आकर रुके थे उनकी जांच सरकार करे।

दीपक बैज ने कहा कि, जो दोषी है उसपर कार्रवाई होनी चाहिए लेकिन उनके पास कोई प्रूफ नहीं है फिर भी कांग्रेस कार्यकर्ताओं को उठाया जा रहा है। जानबूझकर बीजेपी की सरकार इस मुद्दे को डाइवर्ट कर रही है। सरकार जानबूझकर इस घटना को अंजाम देना चाह रही थी। अपनी बला टालने के लिए कांग्रेस पर इल्जाम लगाए जा रहे हैं। बैज ने कई सवाल भी उठाए।

– क्या उनको पता नहीं था कि कितनी संख्या में समाज के लोग एकजुट हो रहे हैं?

– कितनी भीड़ आ रही है, उस भीड़ में असामाजिक तत्व आ सकते हैं?

– मजबूत बैरिकैडिंग क्यों नहीं की गई?

– एक दिन पहले ही दहशत का माहौल था उसे क्यों नहीं भांपा गया?

महाराष्ट्र से बजरंग दल के लोग शामिल थे- डहरिया

डहरिया ने कहा कि, 15 मई को जैतखाम को असामाजिक तत्वों ने आरी से काट दिया गया था। इस पर पर समाज के लोगों ने आरोपियों पर कड़ी कार्रवाई करने की मांग की थी। इसके बाद भी पुलिस 2 दिनों तक कोई FIR नहीं की। 17 मई को FIR कर के बीजेपी नेता के घर काम कर रहे बिहार के लोगो को गिरफ्तार किया और 2 दिनों में छोड़ दिया।

इसके बाद समाज के लोगों ने सीबीआई जांच की मांग की थी, सतनामी समाज के लोग इस तरीके से हिंसक वादी काम नहीं कर सकते। घटना की जिम्मेदारी सरकार की हैं। महाराष्ट्र से बजरंग दल और विश्व हिंदू सेना के लोग इस घटना में शमिल थे। इस पर पुलिस और जिला प्रशासन क्यों जांच नहीं कर रही है। सतनामी समाज के बेकसूर लोगों को पुलिस जबरन गिरफ्तार कर रहे हैं।

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